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Tuesday, July 1, 2025

कबीर मठ में विश्वास का सौदा: महंत ने भक्त से हड़पे 10 लाख, हत्या की धमकी के बाद FIR

वाराणसी, 31 मई 2025, शनिवार। वाराणसी के कबीर मठ में धोखाधड़ी और विश्वासघात का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां मठ के महंत विवेक दास और उनके शिष्य प्रमोद दास पर एक भक्त को 10 लाख रुपये का चूना लगाने का आरोप लगा है। पीड़ित संतोष कुमार मिश्रा, जो लंबे समय से मठ से जुड़े थे, ने कोर्ट के आदेश पर दोनों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। यह मामला न सिर्फ धोखाधड़ी का है, बल्कि हत्या की धमकी और पुलिस की लापरवाही की कहानी भी बयां करता है। इससे पहले महंत विवेक दास एक महिला से अश्लीलता के मामले में जेल भी जा चुके हैं, जिसने उनके विवादित इतिहास को और उजागर किया है।

भक्त के विश्वास पर चोट, 10 लाख की ठगी

संतोष कुमार मिश्रा, जौनपुर के मड़ियाहूं के रहने वाले, सामाजिक कार्यों में सक्रिय और कबीर मठ के प्रति गहरी आस्था रखने वाले भक्त हैं। उन्होंने बताया कि महंत विवेक दास पर उनका अटूट विश्वास था। इसी विश्वास के चलते उन्होंने शिवपुर के कादीपुर में मठ की 10 दुकानों और कमरों को 3 साल के लिए 10 लाख रुपये में लीज पर लिया। महंत ने खुद को संपत्ति का मालिक बताते हुए खतौनी और पावर ऑफ अटॉर्नी के दस्तावेज दिखाए। संतोष ने कई किश्तों में 10 लाख रुपये दिए और 23 सितंबर 2024 को रजिस्टर्ड लीज डीड कराई, जिसमें 50 हजार रुपये अतिरिक्त भी लिए गए।

मरम्मत के दौरान खुला धोखे का राज

संतोष ने जब 19 मई 2025 को दुकानों की मरम्मत शुरू की, तो वहां विकास अग्रवाल और प्रदीप सोनकर नाम के दो लोग पहुंचे और काम रुकवा दिया। उन्होंने दावा किया कि वही दुकानें और कमरे उन्हें 1 मार्च 2024 को नोटोरियल डीड के जरिए लीज पर दिए गए हैं। यह डीड भी प्रमोद दास ने की थी। हैरान संतोष ने जब महंत से इसकी शिकायत की, तो उन्होंने इसे नोटोरियल डीड बताकर संतोष को काम जारी रखने को कहा। लेकिन संतोष ने अपनी जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि संपत्ति पहले भी कई बार लीज पर दी जा चुकी थी। यह साफ हो गया कि उनके साथ धोखा हुआ है।

पैसे मांगे तो मिली हत्या की धमकी

संतोष ने जब अपने 10 लाख रुपये वापस मांगे, तो प्रमोद दास ने न सिर्फ पैसे लौटाने से इनकार किया, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। संतोष ने शिवपुर थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज करने में आनाकानी की। इसके बाद उन्होंने 24 मई 2025 को सीपी कार्यालय में गुहार लगाई, लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार, कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 30 मई 2025 को महंत विवेक दास और प्रमोद दास के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। शिवपुर थानाध्यक्ष राजू कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

महंत का विवादों से पुराना नाता

कबीर मठ के महंत विवेक दास का विवादों से गहरा रिश्ता रहा है। मई 2024 में एक महिला द्वारा उन पर अश्लील टिप्पणी और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए थे। महिला ने दावा किया था कि महंत ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसका उत्पीड़न किया। SC/ST कोर्ट ने इस मामले में उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी और उन्हें जेल भेज दिया था। यह घटना उनके काले कारनामों की एक और कड़ी को उजागर करती है।

आस्था के नाम पर धोखा

यह मामला न केवल आर्थिक ठगी का है, बल्कि आस्था और विश्वास के साथ खिलवाड़ की दुखद कहानी भी है। संतोष जैसे भक्त, जो मठ और महंत पर अंधा विश्वास करते थे, अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पुलिस की सुस्ती और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज मुकदमा इस बात की गवाही देता है कि सच्चाई सामने लाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ रहा है। क्या इस मामले में इंसाफ मिलेगा, या यह एक और विवाद बनकर रह जाएगा? यह देखना बाकी है।

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