मायोट, 16 दिसंबर 2024, सोमवार। हिंद महासागर में चक्रवाती तूफान चिडो ने फ्रांस के मायोट शहर में भारी तबाही मचाई है। इस तूफान के कारण 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग बेघर हो गए। मायोट शहर, जो फ्रांस और यूरोपीय संघ का सबसे गरीब इलाका है, में घर और इमारतें ध्वस्त हो गईं और पेड़ और खंभे सड़कों पर गिर गए। यह तूफान 14 दिसंबर को इलाके से टकराया था और 2 दिन से वहां भारी बारिश और तूफानी हवाएं चल रही हैं। फ्रांस के मौसम विभाग ने इसे 90 साल बाद आया सबसे भयंकर तूफान बताया है।
बता दें, हिंद महासागर में चक्रवाती तूफान चिडो ने फ्रांस के मायोट द्वीप में भारी तबाही मचाई है। इस तूफान की वजह से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है। मायोट में भोजन, पानी और स्वच्छता का संकट पैदा हो गया है, जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। फ्रांस सरकार ने मायोट में राहत दलों को दवाइयों, पानी, खाद्य पदार्थों के साथ भेज दिया है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला ने मायोट की हालत को देखते हुए फ्रांस के इस द्वीप की पुनर्स्थापना करने में हरसंभव मदद आर्थिक और शारीरिक मदद करने का आश्वासन दिया है। चिडो उत्तरी मोजाम्बिक के काबो डेलगाडो और नामपुला प्रांतों से भी टकराया है। इस तूफान के कारण अस्थायी आवासों, सरकारी इमारतों और एक अस्पताल को नुकसान पहुंचाया है।
मायोट द्वीप फ्रांस की राजधानी पेरिस से लगभग 8000 किलोमीटर दूर स्थित एक शहर है, जो समुद्र मार्ग से पहुंचने में 4 दिन लगते हैं। यह शहर फ्रांस के अन्य शहरों की तुलना में बहुत गरीब है और दशकों से गृहयुद्ध, हिंसा और सामाजिक अशांति से जूझ रहा है। इस वर्ष की शुरुआत में, मायोट में जलसंकट पैदा हो गया था। फ्रांसीसी गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि मृतकों की संख्या के लिहाज से मायोट में स्थिति जटिल होने वाली है, क्योंकि मायोट एक मुस्लिम शहर है, जहां मृतकों को 24 घंटे के भीतर दफना दिया जाता है। लेकिन वहां अभी तक रेस्क्यू किया जाना है, जिससे महामारी, बीमारियां और धार्मिक अस्थिरता का खतरा भी पैदा हो रहा है।