वाराणसी, 9 फरवरी 2025, रविवार। नोएडा में एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है, जहां साइबर अपराधी लोगों को विदेशी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगते थे। इस गिरोह ने 80 लाख रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया था। बता दें, 17 जनवरी 2025 को सारनाथ निवासी अखिलेश कुमार पांडेय ने साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उनका डेटा जॉब प्रोवाइडर कंपनी से हासिल कर साइबर अपराधियों ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए उनसे विभिन्न शुल्क और टैक्स के नाम पर कुल 80 लाख रुपये ठग लिए गए।
साइबर क्राइम वाराणसी में मुकदमा संख्या 05/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया और निरीक्षक विजय कुमार यादव को विवेचना सौंपी गई। पुलिस जांच में पता चला कि ये अपराधी जॉब पोर्टल कंपनियों के रिक्रूटर पोर्टल को अवैध तरीके से एक्सेस कर जॉब सीकर्स का डेटा चोरी कर लेते थे। इसके बाद वे फर्जी टेली-कॉलर्स के माध्यम से जॉब सीकर्स से संपर्क करते और उन्हें विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। इन अपराधियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी म्यूल बैंक अकाउंट और फर्जी नाम-पते पर रजिस्टर्ड सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। वे फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल करते थे, जैसे कि जॉब ऑफर लेटर, इंटेंट लेटर और इंटरव्यू लेटर, जिससे शिकार लोगों को विश्वास हो जाता था कि उन्हें वास्तव में विदेशी कंपनियों में नौकरी मिल रही है।
पुलिस ने इस मामले में तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दीपक कुमार, भानु प्रताप और कुनाल विश्वास शामिल हैं। इन अपराधियों के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नकदी बरामद की गई है, जिनमें बड़ी मात्रा में iOS मोबाइल, कीपैड मोबाइल, एंड्रॉयड मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर डेस्कटॉप और 20,690 रुपये नगदी शामिल हैं।
वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और डीसीपी अपराध प्रमोद कुमार के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। मामले की जांच एडीसीपी साइबर क्राइम श्रुति श्रीवास्तव और एसीपी गौरव कुमार की निगरानी में की गई। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और नोएडा और अन्य शहरों में इनके नेटवर्क की जांच जारी है। पुलिस ने जिन लोगों को ठगा गया है, उनसे संपर्क कर पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।