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Sunday, November 17, 2024

महिला डॉक्टर से 27.50 लाख की साइबर ठगी, वाराणसी क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा ठग!

वाराणसी, 30 अक्टूबर 2024, बुधवार। वाराणसी की साइबर क्राइम पुलिस ने डॉ रीना रंजना के साथ हुई 27.50 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सुलझा लिया है। इस मामले में पटना के रहने वाले राजकुमार नामक इंटरस्टेट साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने डॉ रीना रंजना को इन्वेस्टमेंट में त्वरित फायदे का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी की थी। पुलिस के अनुसार, आरोपी के खिलाफ पटना में पहले से ही एक मुकदमा दर्ज है, और दिल्ली व हरियाणा में भी उसके खिलाफ मामले दर्ज होने की जानकारी मिली है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
गिरफ्तार अपराधी ने बताया कि वे लोगों को फर्जी शेयर मार्केट की वेबसाइट पर इन्वेस्टमेंट कराने के लिए झांसा देते हैं और तत्काल हाई रिटर्न का वादा करते हैं। इसके अलावा, वे लोगों को लोन का झांसा देकर उनका बैंक खाता खुलवाते हैं और फिर उनकी जानकारी के बिना उनका नेटबैंकिंग यूजर पासवर्ड, एटीएम कार्ड का डिटेल व पिन ले लेते हैं और फिर फ्राड करते हैं। हालांकि, इन अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई कदम उठाए हैं। हाल ही में नोएडा में साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर Trading की आड़ में 48.50 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो शातिर साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर सुस्पेक्ट रिपोजिटरी सुविधा के माध्यम से नागरिक साइबर अपराधियों के पहचानकर्ताओं के रिपोजिटरी में खोज कर सकते हैं। साइबर क्राइम ब्रांच ने दिशा निर्देश भी दिए हैं कि यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें और किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी जानकारी न दें। इसके अलावा, यदि आप किसी भी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
वहीं, निरीक्षक अनीता सिंह ने बताया कि 13 मार्च 2024 को साइबर थाने पर ESIC अस्पताल में रंजन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वेल्स इन्वेस्टमेंट वेबसाइट पर इन्वेस्टमेंट पर है रिटर्न का झांसा देकर उससे कुल 27 लाख 50 हजार रुपए साइबर अपराधियों ने फ्राड कर लिए। इसपर मुकदमा दर्ज कर आईपीसी 420 और 66 (डी) आईटी एक्ट में विवेचना की जा रही थी। इस विवेचना में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, डिजिटल फूटप्रिंट व जमीनी सर्विलांस से अपराधी की तलाश शुरू की गई। निरीक्षक अनीता सिंह ने बताया कि इस विवेचना में डिजिटल फुटप्रिंट के जरिये पता चला कि मुकदमें में प्रकाश में आये बैन खाते का इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करके साइबर अपराध से कमाए गए पैसे को USDT/क्रिप्टो के माध्यम से सेटल किया गया है। इसमें पटना के नादघाट, गौरीचक निवासी राजकुमार का हाथ है। इसपर उसकी गिरफ्तारी पटना से की गई है।

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