गोरखपुर, 13 अक्टूबर:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लोगों के लिए एक निराशाजनक खबर है। यहां रामगढ़ताल में शुरू हुआ लेक क्वीन क्रूज अब जल्द ही बंद होने जा रहा है।
क्रूज के संचालक राजकुमार राय ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को पत्र लिखकर अनुबंध समाप्त करने की मांग की है। जिसमें उन्होंने पर्यटकों की कमी और लाखों रुपए के नुकसान का हवाला दिया है। ऐसे में अगर क्रूज का संचालन बंद होता है तो इससे गोरखपुर में पर्यटन को एक बड़ा झटका दे सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर में रामगढ़ ताल उनकी पसंदीदा परियोजना थी। रामगढ़ ताल में 15 दिसंबर,2022 को मुख्यमंत्री ने इस क्रूज़ का उद्घाटन किया था और 1 जनवरी 2023 से इसका संचालन शुरू हुआ था। 12.70 करोड़ रुपए लागत से बने इस लेक क्वीन क्रूज में एक बार में 200 यात्री कर सकते हैं।
सस्ते टिकट पर भी नहीं आए पर्यटक
क्रूज संचालक राजकुमार राय ने बताया, शुरुआत में टिकट की कीमत 1500 रुपए प्रति व्यक्ति रखी गई थी, लेकिन पर्यटकों की मांग पर इसे घटाकर 300 रुपए कर दिया गया। इसके बावजूद, पर्यटकों की संख्या न के बराबर रही और क्रूज को लगातार घाटा होता रहा। संचालक का कहना है कि तमाम प्रयासों के बावजूद लोग क्रूज की ओर आकर्षित नहीं हुए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि GDA की ओर से क्रूज के प्रचार-प्रसार भी नही किया गया।
संचालक का कहना है, 4 नवंबर 2022 को क्रूज संचालन का अनुबंध हुआ था, लेकिन तब से लेकर अब तक कई चुनौतियां सामने आईं। इसके लिए कई बार GDA से प्लेटफार्म की भी मांग की गई, लेकिन मजबूरी में लोहे के प्लेटफार्म से ही संचालन करना पड़ा। इसके अलावा, GDA द्वारा जेट्टी उपलब्ध न कराने से सुरक्षा और संचालन में दिक्कतें बनी रहीं। क्रूज के लिए बनाए गए लोहे के प्लेटफार्म पर आने-जाने के दौरान यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है, जो सुरक्षा के लिहाज से भी उचित नहीं है।
किराए में छूट भी नहीं मिली
राजकुमार राय ने बताया, अनुबंध के मुताबिक, क्रूज संचालन के शुरुआती 6 महीनों तक किराए में छूट दी जानी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बार लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया, जिससे संचालन में और दिक्कतें आईं।
क्रूज संचालन के लिए आवश्यक न्यूनतम जलस्तर तीन मीटर होना चाहिए, लेकिन रामगढ़ताल में पानी का स्तर डेढ़ मीटर के आसपास रहता है। इससे क्रूज के इंजन में बार-बार खराबी आ रही थी और तेल की खपत भी बढ़ गई है। संचालक ने कई बार जल निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए अनुरोध किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।