नई दिल्ली, 3 अप्रैल 2025, गुरुवार। क्या आपने कभी सोचा है कि सड़क पर चलते हुए हर गाड़ी के पीछे एक कुशल ड्राइवर होना कितना जरूरी है? केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है—भारत में इस वक्त 22 लाख कुशल ड्राइवरों की कमी है! गुरुवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने यह बात कही और साफ किया कि इस कमी का असर सिर्फ ट्रैफिक जाम या देरी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सड़क दुर्घटनाओं और अनमोल जिंदगियों के नुकसान का भी बड़ा कारण बन रही है।
गडकरी ने विश्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि देश में ड्राइविंग प्रशिक्षण की उचित सुविधाओं का अभाव है। नतीजा? हर साल करीब 1.8 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं, और इनमें से कई हादसे अप्रशिक्षित ड्राइवरों की वजह से होते हैं। यह आंकड़ा सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि उन परिवारों की चीख-पुकार है जो अपने प्रियजनों को खो देते हैं।
लेकिन उम्मीद की किरण भी है। गडकरी ने ऐलान किया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संकट से निपटने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए 4,500 करोड़ रुपये की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है, जिसके तहत देश भर में 1,600 ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान खड़े किए जाएंगे। यह योजना चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगी। और सबसे बड़ी बात—इससे न सिर्फ सड़कें सुरक्षित होंगी, बल्कि 60 लाख लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है। उन्होंने ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआर), क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के लिए क्लस्टर आधारित प्रस्ताव भेजने को कहा है। उनका मानना है कि यह कदम न केवल ड्राइवरों को कुशल बनाएगा, बल्कि सड़क सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत भी करेगा।
तो अगली बार जब आप सड़क पर हों, तो सोचिए—एक प्रशिक्षित ड्राइवर न सिर्फ अपनी, बल्कि आपकी जिंदगी भी बचा सकता है। गडकरी की यह पहल न सिर्फ एक योजना है, बल्कि सुरक्षित और समृद्ध भारत का सपना है। अब बस जरूरत है इसे हकीकत में बदलने की!