नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2025, शनिवार। गुजरात में अवैध प्रवासियों के खिलाफ प्रशासन ने जोरदार कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देश पर अहमदाबाद और सूरत में चलाए गए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान में 500 से अधिक संदिग्ध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस फैसले के बाद हुई, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों के सभी मौजूदा वैध वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द करने और अवैध प्रवासियों को 26 से 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था।
अहमदाबाद में 457 संदिग्ध पकड़े गए
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने शहर के विभिन्न इलाकों, खासकर चंडोला जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया। इस दौरान 457 अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें अधिकांश बांग्लादेशी नागरिक हैं। क्राइम ब्रांच के जेसीपी शरद सिंघल ने बताया कि गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी और डीजीपी के मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन चलाया गया। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है, जिसमें उनके भारत में प्रवेश, संपर्क और दस्तावलियों की गहन जांच की जा रही है।
सिंघल ने खुलासा किया कि कई अवैध प्रवासियों के पास फर्जी भारतीय दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों को तैयार करने वालों का पता लगाने के लिए पुलिस गहन जांच कर रही है। इससे पहले भी 127 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 70 को डिपोर्ट किया जा चुका है, और बाकियों की प्रक्रिया जारी है।
सूरत में 100 से अधिक बांग्लादेशी हिरासत में
सूरत में भी पुलिस की विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और क्राइम ब्रांच ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर 100 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा। इनसे पूछताछ में उनके नेटवर्क और भारत में प्रवेश के तरीकों का खुलासा करने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र के निर्देश, राज्यों की मुस्तैदी
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों, खासकर भाजपा शासित राज्यों, को अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें डिपोर्ट करने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है। गुजरात ने इस दिशा में तेजी दिखाते हुए प्रभावी कार्रवाई शुरू की है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के डीसीपी अजीत राजियन ने बताया कि एसओजी, ईओडब्ल्यू, जोन 6 और हेडक्वार्टर की संयुक्त टीमों ने शहर में व्यापक तलाशी अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ी सफलता मिली।
क्या है मकसद?
इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करना है, बल्कि उनके नेटवर्क, फर्जी दस्तावेजों के स्रोत और भारत में उनके सहायकों का पता लगाना भी है। यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गुजरात पुलिस की इस मुस्तैदी से साफ है कि अवैध प्रवास के खिलाफ राज्य सरकार और केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क और कटिबद्ध हैं। आने वाले दिनों में इस अभियान के और विस्तार की उम्मीद है, जिससे देश में अवैध प्रवास की समस्या पर और प्रभावी नियंत्रण हो सके।