नई दिल्ली, 20 मई 2025, मंगलवार। कोरोना वायरस एक बार फिर भारत में दस्तक दे चुका है, और इस बार यह नया JN.1 वेरिएंट लेकर आया है, जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का सबब बन रहा है। हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में कोविड-19 के मामलों में उछाल के बाद अब भारत भी इसकी चपेट में आ गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बढ़ते खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। आइए, जानते हैं कि भारत में अब तक कितने मामले सामने आए हैं और यह नया वेरिएंट कितना खतरनाक है।
भारत में कोविड-19 की ताजा स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई 2025 तक देश में कोविड-19 के 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मामले केरल से सामने आए हैं, जहां 95 सक्रिय केस हैं। इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु का नंबर है, जहां क्रमशः 34 मामले और अन्य नए केस दर्ज हुए हैं। कर्नाटक में 8, गुजरात में 6, दिल्ली में 3, और हरियाणा, राजस्थान व सिक्किम में एक-एक नया मामला सामने आया है।
केरल में 12 मई तक 69 नए केस दर्ज किए गए, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि JN.1 वेरिएंट तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
एशिया में भी बढ़ रहा है कोविड का खतरा
भारत ही नहीं, एशिया के कई अन्य देश भी इस नए वेरिएंट की चपेट में हैं। सिंगापुर में 27 अप्रैल से 3 मई के बीच 14,200 नए मामले सामने आए, जो पिछले सप्ताह के 11,100 मामलों से कहीं ज्यादा हैं। हांगकांग में भी 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में 31 नए केस दर्ज किए गए। थाईलैंड और चीन में भी कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
JN.1 वेरिएंट: नया खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में कोविड-19 के मामलों में उछाल का मुख्य कारण JN.1 वेरिएंट है। यह ओमिक्रॉन BA.2.86 का वंशज है और इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं। इनमें LF.7 और NB.1.8 दो सबसे प्रमुख वेरिएंट हैं, जो हाल के मामलों में सामने आए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वेरिएंट तेजी से फैलने की क्षमता रखता है, जिसके चलते सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
केंद्र सरकार का अलर्ट: क्या करें, क्या न करें
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को कोविड-19 की जांच और निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और टीकाकरण को प्राथमिकता देने की अपील की है। साथ ही, जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज नहीं ली है, उन्हें तुरंत इसे लेने की सलाह दी गई है।
क्या है आगे की चुनौती?
कोविड-19 का यह नया उछाल एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था और आम लोगों के लिए चुनौती बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते सावधानी बरतने और टीकाकरण को बढ़ावा देने से इस वेरिएंट के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
इसलिए, अगर आप भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जा रहे हैं, तो मास्क पहनें, अपने हाथ नियमित रूप से धोएं और लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाएं। कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है, और हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!