कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते मामलों के बीच इसके नए-नए लक्षण सामने आ रहे हैं। ताजा शोध के मुताबिक कमजोरी, पेट संबंधी विकार और डायबिटीज को भी नए लक्षणों के रूप में पहचाना गया है। अमेरिकन जर्नल ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन में प्रकाशित इस शोध में यह दावा किया गया है।
वैज्ञानिकों ने न्यूयॉर्क शहर स्थित कोविड अस्पतालों में भर्ती बारह हजार से अधिक मरीजों पर अध्ययन किया। इसके निष्कर्षों के आधार पर इन लक्षणों की पुष्टि की गई है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अस्पताल पहुंचे करीब 57 फीसदी मरीजों को कमजोरी की शिकायत थी, इन्हें बाद में जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाया गया। वहीं, 55 फीसदी मरीज ऐसे थे जिनका ब्ल्ड शुगर लेवल काफी बढ़ा हुआ था जबकि 51 फीसदी को पेट संबंधी शिकायतों के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
65 वर्ष से अधिक वालों को ज्यादा परेशानी :
अध्ययन में यह भी पाया गया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों में गैस, डायरिया जैसी परेशानी होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया और बाद में जांच में ये सभी संक्रमित मिले। शोधकर्ताओं में शामिल इक्हान स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. क्रिस्टोफर क्लिफर्ड के अनुसार, नए अध्ययन से ज्यादा मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी।
वैक्सीन की राह में बड़ी चुनौती :
कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार की जा रही अधिकांश वैक्सीन के ट्रायल अंतिम चरण में हैं। ऐसे में नए लक्षणों की पहचान ने वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि अब तक परीक्षण में सफल उतरे टीकों को तैयार करते वक्त इन लक्षणों पर उतना ध्यान नहीं दिया गया। निश्चित ही अब दवा कंपनियां इन पहलुओं पर भी गौर करेंगी। ऐसे में बेसब्री से कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रही दुनिया को कुछ और इंतजार करना पड़ सकता है।
पहले ये लक्षण माने जाते थे कारण
– सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अगस्त माह में कोविड-19 को लेकर छह नए लक्षणों के बारे में बताया था। जिनमें सर्दी लगना, ठिठुरन, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश और सूंघने या स्वाद लेने की क्षमता कम होना शामिल था।
– सितंबर माह में नेशनल हेल्थ सर्विस ने आंखों संबंधी समस्या, खांसी, अधिक बेचैनी और चमड़ी के रंग बदलने को भी कोरोना के नए लक्षणों में शामिल किया था।