इंदौर,मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर की अंकिता राठौर और जबलपुर के हसनैन अंसारी की शादी के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत उनकी शादी को वैध मानते हुए पुलिस और प्रशासन को हर संभव मदद का आदेश दिया। लड़की के पिता की शादी रोकने की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह मामला संवैधानिक अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा है। अदालत ने निर्देश दिया कि शादी में कोई बाधा न हो और प्रेमी जोड़े को एक माह तक पुलिस सुरक्षा दी जाए।
इससे पहले कोर्ट ने प्रेमी जोड़े से अलग-अलग चर्चा की थी और युवती को 15 दिन के लिए नारी निकेतन भेज दिया था ताकि वह स्वतंत्र रूप से सोच-समझकर फैसला ले सके। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्पेशल मैरिज एक्ट का उद्देश्य जाति, धर्म और समुदाय की सीमाओं से परे जाकर विवाह को मान्यता देना है, जिसे कोई भी बाधित नहीं कर सकता। शादी के लिए उठाई गई सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए संबंधित जिले के एसपी को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।