कानपुर, 10 जून 2025, मंगलवार: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत हाल ही में दो दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे, जहां उन्होंने छात्रों, व्यापारियों और आम लोगों के साथ दिल को छू लेने वाली बातचीत की। इस दौरान उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान किया और बताया कि कैसे छोटे-छोटे कदम देश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बना सकते हैं।
स्वदेशी अपनाएं, देश को सशक्त बनाएं
मोहन भागवत ने जोर देकर कहा कि स्वदेशी का संकल्प पहले हमारे दिल से शुरू हो, फिर परिवार, मोहल्ले, शहर और पूरे देश तक फैले। आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अनुपम ने भागवत के संदेश को साझा करते हुए बताया, “हमारा कमाया हुआ पैसा भारत में ही रहना चाहिए और इसका उपयोग देश के विकास के लिए होना चाहिए।” भागवत ने रोजमर्रा की जिंदगी में देशभक्ति की भावना को अपनाने की सलाह दी, जो न केवल व्यक्ति को बल्कि पूरे राष्ट्र को प्रगति के पथ पर ले जाएगी।
RSS कार्यकर्ता का समर्पण: एक साधक की तरह काम
छात्रों और व्यापारियों से बातचीत में भागवत ने प्रेरक सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “छात्र अपनी पढ़ाई के लिए कितना समय देते हैं? व्यापारी अपने व्यवसाय को कितनी मेहनत से चलाते हैं?” उन्होंने बताया कि एक आरएसएस कार्यकर्ता हर काम को साधक की तरह करता है—पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ। छात्रों को अपने क्षेत्र में आदर्श प्रोफेशनल बनने और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने लोगों से पूछा कि वे संघ की गतिविधियों और देशहित के लिए कितना समय निकालते हैं।
भारत के लिए आपका योगदान क्या?
भागवत ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास में सेना व सरकार के साथ-साथ समाज की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमें यह सोचना चाहिए कि हम अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं।” छोटे-छोटे प्रयास, जैसे स्वदेशी उत्पादों को अपनाना, देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
कानपुर से पटना तक: एक व्यस्त दौरा
कानपुर पहुंचे मोहन भागवत ने अपने दौरे के दौरान लगभग 10 महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लिया और संघ के कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श किया। सोमवार को अपना कार्यक्रम पूरा करने के बाद वे ट्रेन से पटना के लिए रवाना हुए।