वाराणसी, 31 जुलाई 2025: धर्म नगरी काशी विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शुमार होने को तैयार है, जहां अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे की सुविधा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा बनाया जा रहा देश का पहला रोपवे प्रोजेक्ट तेजी से आकार ले रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की सुरक्षा और तकनीकी मजबूती सुनिश्चित करने के लिए ऑस्ट्रिया के विशेषज्ञ इंजीनियरों ने 90 गंडोलाओं के साथ पहले चरण के परीक्षण शुरू कर दिए हैं।
14 जुलाई से शुरू हुआ यह परीक्षण करीब एक महीने तक चलेगा, जिसमें कैंट रोपवे स्टेशन से रथयात्रा स्टेशन तक के पहले सेक्शन की जांच हो रही है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक, ऑस्ट्रिया की लाइटनर कंपनी के इंजीनियर गंडोला, मोटर, केबल, कंट्रोल सिस्टम, सुरक्षा, गति और ब्रेकिंग जैसे सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की गहन जांच कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रोपवे का संचालन पूरी तरह सुरक्षित और सुचारू हो।
सितंबर तक पूरा होगा पहला चरण
अधिकारियों ने बताया कि पहले सेक्शन का निर्माण सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद कैंट से रथयात्रा तक रोपवे का संचालन शुरू हो सकता है। दूसरे चरण में रथयात्रा से गोदौलिया तक का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। परियोजना के पूर्ण होने पर कैंट से गोदौलिया तक हर डेढ़ से दो मिनट में गंडोला उपलब्ध होगी, जिससे एक घंटे में दोनों दिशाओं में 6,000 यात्री सफर कर सकेंगे।
पर्यटकों को मिलेगी प्रदूषण-मुक्त यात्रा
148 ट्रॉली कारों के साथ यह रोपवे प्रतिदिन 16 घंटे संचालित होगा, जिसमें प्रत्येक ट्रॉली में 10 यात्री सफर कर सकेंगे। कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक का सफर मात्र 16 मिनट में पूरा होगा। यह सुविधा न केवल काशी आने वाले पर्यटकों को प्रदूषण-मुक्त परिवहन प्रदान करेगी, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को भी सुगम बनाएगी।
सुरक्षा पर विशेष ध्यान
रोपवे प्रोजेक्ट में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। सभी तकनीकी मानकों की जांच के बाद ही इसे आम जनता के लिए खोला जाएगा। यह परियोजना काशी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।