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Sunday, July 6, 2025

मौजूदा आबकारी नीति खत्म होने का काउंट डाउन शुरू

मौजूदा आबकारी नीति खत्म होने का काउंट डाउन शुरू हो गया है। दो दिनों बाद इसके तहत दिल्ली में जितनी भी प्राइवेट दुकान खुली हैं उन पर ताला लग जाएगा। सरकारी दुकानों पर शराब की बिक्री होगी।

प्राइवेट दुकानदारों को 31 अगस्त तक ही लाइसेंस जारी किया गया है। लिहाजा शराब पर मिलने वाली छूट का खेल भी खत्म हो जाएगा। पुरानी नीति के तहत शराब की दुकान खोलने की तैयारी भी तेज कर दी गई है। हालांकि जब एक साथ प्राइवेट दुकानें बंद होंगी तो संभव है कि एक सितंबर को शराब की किल्लत और कालाबाजारी का बाजार गर्म रह सकता है।

मौजूदा आबकारी नीति को लेकर चल रहे बवाल के बीच अब पुरानी आबकारी नीति के तहत दिल्ली के चार सरकारी निगम मिलकर शराब की बिक्री करेंगे। कोविड पूर्व जिस तरह से सुबह 10 बजे से रात के 10 बजे तक दुकानें खुली रहती थी उसी तरह शराब मिलेगी। ड्राई डे की अवधि भी बढ़ जाएगी। 31 अगस्त को चूंकि सभी निजी दुकानदारों के लाइसेंस की अवधि खत्म होगी, लिहाजा मौजूदा सभी दुकानों पर ताला लग जाएगा। क्योंकि एक भी निजी दुकान शुरू में नहीं खुलेगी। निगम के हाथ में होगा कि किसे वह लाइसेंस जारी कर बिक्री करने की अनुमति देता है।

आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार, प्राइवेट दुकान बंद होने की स्थिति में सरकारी दुकानों पर शराब की बिक्री होगी। इसके लिए लाइसेंस जारी किया जा रहा है। चरणबद्ध तरीके से ही दुकान खुलेंगी। सूत्रों के अनुसार एक साथ 800 से अधिक दुकान खोलना मुश्किल है, लिहाजा पहले दिन 250 से अधिक दुकान खुलेंगी। पुरानी नीति के तहत ही ग्राहकों को शराब उपलब्ध कराई जाएगी। लॉटरी सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस दिया गया है। आबकारी विभाग ने पारदर्शिता बरतने के लिए ऑब्जर्वर की नियुक्ति की है।

सरकारी निगमों को शराब की दुकान चलाने का निर्णय तो ले लिया गया है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा निगमकर्मियों के ट्रांस्फर-पोस्टिंग को लेकर है। निजी दुकानें खुलने की वजह से 1,200 से अधिक निगमों के कर्मचारी बेरोजगार हो गए थे। दुकानों की संख्या कम होने की वजह उन्हें तैनात करने में दुविधा आ रही है। हालांकि रोजगार मिलने से वह काफी खुश नजर आ रहे हैं।

आबकारी विभाग की पुरानी नीति में सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट दुकानदारों को भी लाइसेंस जारी किया गया था। लेकिन मौजूदा आबकारी नीति पर कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगने की वजह से फिलहाल निजी लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। निजी दुकानदारों की मांग है कि जब पुरानी नीति में भी दोनों तरह की दुकानें थी, लिहाजा उन्हें भी लाइसेंस वितरित किया जाए।

मौजूद नीति को खत्म कर एक बार फिर पुरानी व्यवस्था के साथ शराब की बिक्री करने के शुरुआती दिनों में समस्या हो सकती है। मौजूदा आबकारी नीति भी जब लागू हुई थी तो अव्यवस्था देखने को मिली थी। ऐसे में कालाबाजारी भी बढ़ सकती है। हालांकि दिल्ली टूरिज्म विभाग के पूर्व वाइन शॉप जोनल ऑफिसर वीके जाटव ने बताया कि पुरानी आबकारी नीति व्यवस्थित थी। शराब नकली नहीं मिलेंगी इसकी गारंटी थी। वहीं शराब बिकती थी जिसे सिर्फ दिल्ली में बेचने की इजाजत थी। हालांकि कुछ दिनों के लिए संचालन में परेशानी आएगी लेकिन एक सप्ताह में ठीक हो जाएंगी। सरकारी विभाग को यह जरूर करना चाहिए कि बिक्रेता अपने स्वभाव में परिवर्तन करे। बेवजह उपभोक्ताओं से उलझे नहीं।

दिल्ली लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश गोयल ने बताया कि पुरानी नीति के तहत शराब बिक्री करने की तैयारी पूरी है। सरकारी निगम को लाइसेंस भी जारी हो रहे है। रेस्टोरेंट, पब समेत अन्य शराब परोसने वालों के लिए अगले छह महीने तक लाइसेंस जारी किया गया है। लिहाजा शराब की बिक्री में परेशानी नहीं होनी चाहिए

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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