वाराणसी, 28 मई 2025, बुधवार: काशी की पवित्र धरती पर कोरोना ने फिर से अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं! काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में तैनात एक रेजिडेंट डॉक्टर और एक कर्मचारी नए कोरोना वैरिएंट NB 1.8.1 की चपेट में आ गए हैं। यह वाराणसी में इस वैरिएंट का पहला मामला है, जिसने स्वास्थ्य विभाग और बीएचयू प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। दोनों संक्रमितों को तुरंत आइसोलेशन में भेज दिया गया है, और डॉक्टरों ने शहरवासियों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
नया वैरिएंट, नई चुनौती!
कोरोना का यह नया रूप शहर में खतरे की घंटी बजा रहा है। बीएचयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में काम करने वाले इन दो कर्मचारियों के अलावा, अस्पताल में इलाज के लिए आए तीन अन्य लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस खबर ने न केवल बीएचयू बल्कि पूरे वाराणसी को सावधान कर दिया है। डॉक्टरों ने लोगों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी है।
काशी में भीड़, लेकिन जांच सिर्फ बीएचयू में!
वाराणसी, जो देश-विदेश के लाखों पर्यटकों का गढ़ है, वहां कोरोना की जांच सिर्फ बीएचयू के सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर हो रही है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों से आने वाले पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए यह स्थिति चिंताजनक है। विदेशी सैलानियों की बढ़ती संख्या भी खतरे को और गंभीर बना रही है। ऐसे में सवाल उठता है—क्या इतने बड़े शहर में जांच की सुविधा बढ़ाने का समय नहीं आ गया?
लक्षण दिखें तो न करें देरी!
माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ. गोपालनाथ ने चेतावनी दी है, “अगर आपको बुखार, सर्दी-खांसी, जुकाम या सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो फौरन बीएचयू के जांच काउंटर पर पहुंचें।” खासतौर पर दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे हाई-रिस्क राज्यों से लौटने वालों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
जिलाधिकारी ने संभाला मोर्चा
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जिले के सभी जनपद स्तरीय अस्पतालों को संभावित कोविड मरीजों की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। सभी सैंपल बीएचयू की लैब में भेजे जाएंगे, और उनकी जानकारी यूडीएसपी पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क रहें और नियमों का पालन करें।