वैश्विक स्तर पर पिछले एक महीने में कोरोना के मामलों पर नजर डालें तो पता चलता है कि नया JN.1 सब-वैरिएंट स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ी मुश्किलें बढ़ा रहा है। चीन, सिंगापुर, यूएस-यूके सहित कई देश इसकी गंभीर चपेट में हैं, भारत में भी एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 761 नए मामलों की पुष्टि की गई है, इसके साथ अब एक्टिव केस भी बढ़कर 4400 से अधिक हो गए हैं।
दुनियाभर से प्राप्त हो रही कोरोना की जानकारियों के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका, इन दिनों कोरोना की एक और संभावित लहर की चपेट में है। द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए लॉस एंजिल्स काउंटी सहित देशभर के कई शहरों में फिर से मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट को हल्के में लेने की भूल नहीं की जानी चाहिए, विशेष रूप से उन लोगों को ये वैरिएंट गंभीर रूप से संक्रमित करने में सक्षम प्रतीत होता है जिन्हें टीका नहीं लगा है या फिर जो पहले से ही कोमोरबिडिटी के शिकार रहे हैं।
अमेरिका के कई स्टेट्स में मास्क फिर से अनिवार्य
हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविड-19, मौसमी फ्लू और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में वृद्धि के बीच अमेरिका के कई स्टेट्स के अस्पतालों ने मास्क को फिर से अनिवार्य कर दिया गया है। न्यूयॉर्क शहर के स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. अश्विन वासन ने मीडिया को बताया कि शहर के सभी 11 सार्वजनिक अस्पतालों, 30 स्वास्थ्य केंद्रों सहित क्लीनिक्स में फिर से लोगों के लिए मास्क को अनिवार्य किया गया है।
कोरोना के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए सभी लोगों को सुरक्षित हो जाने की आवश्यकता है। भले ही ज्यादातर संक्रमितों में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं फिर भी कोरोना के कारण होने वाले गंभीर दुष्प्रभावों का जोखिम हो सकता है।