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Saturday, April 20, 2024

दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर एक फीसदी के पार, हालात काबू में

कोरोना की संक्रमण दर एक फीसदी पार करने के बाद भी दिल्ली में यलो अलर्ट ही लागू रहेगा। सरकार अभी अंबर अलर्ट लागू कर पाबंदियां सख्त नहीं करेगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में बुधवार शाम यह फैसला लिया गया। डीडीएमए का मानना है कि संक्रमण दर बढ़ने के बाद भी हालात काबू में हैं। अस्पतालों में बेड खाली हैं और ऑक्सीजन भी पर्याप्त है।

इससे पहले बुधवार शाम उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक हुई। इसमें कोविड के मौजूदा हालात पर समीक्षा की गई। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उनके कैबिनेट सहयोगी व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का मानना था कि अभी हालात काबू में हैं। अस्पतालों में बड़ी संख्या में बेड खाली पड़े हैं।

संक्रमित होने वाले ज्यादातर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती नहीं कराना पड़ रहा है। वह होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं। अभी ग्रेप के तहत येलो अलर्ट की बंदिशों को लागू करना ही पर्याप्त है। अगर हालात बिगड़ते हैं तो तत्काल बैठक बुलाकर पाबंदियां सख्त की जाएंगी। डीडीएमए ने इस पर अपनी सहमति दी है। अब लगातार दो दिन तक एक फीसदी संक्रमण दर रहने पर खुद अंबर अलर्ट लागू नहीं होगा।

उधर, बैठक में उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि सभी एजेंसियां सुनिश्चित करें कि येलो अलर्ट की बंदिशें सख्ती से लागू हों। टेस्टिंग, ट्रैकिंग व ट्रीटिंग की रणनीति पर आगे चलने की सलाह अधिकारियों को दी गई। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को अपनी तैयारियां चुस्त दुरुस्त रखने को कहा गया है।

ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने जन-सामान्य को अनावश्यक भय और जमाखोरी जैसी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है। डॉ. गुलेरिया ने एक वीडियो संदेश में ओमिक्रॉन को लेकर स्थिति भी स्पष्ट की है।

वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, ओमिक्रॉन एक हलका संक्रमण है। इसमें ऑक्सीजन की आवश्यकता इतनी अधिक नहीं हो सकती। मैं सभी से ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की जमाखोरी से बचने का अनुरोध करूंगा। हम एक राष्ट्र के रूप में इन मामलों में किसी भी उछाल की स्थिति का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं।

एक वीडियो संदेश में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हम व्यक्तिगत प्रतिरक्षा के दृष्टिकोण से भी तैयार हैं। हममें से बड़ी संख्या में लोगों को या तो टीकाकरण के कारण या प्राकृतिक संक्रमण के कारण प्रतिरक्षा मिली है। घबराएं नहीं, बस सतर्क रहें।

गुलेरिया के अलावा फोर्टिस, फरीदाबाद के डॉ. रवि शेखर झा का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से ओमाइक्रोन के मामलों में उछाल आया है। इसकी इंफेक्शन रेट डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा है। अभी तक इसके लक्षण ज्यादातर हल्के ही होते हैं। इसके लिए किसी विशिष्ट एंटीवायरल, स्टेरॉयड की आवश्यकता नहीं होती।

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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