वाराणसी, 27 फरवरी 2025, गुरुवार। शिव-शक्ति मिलन के महापर्व महाशिवरात्रि पर काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में मंगला आरती से लेकर चारों प्रहर की आरती तक कुल 11,69,553 श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई। इसमें आम श्रद्धालुओं से लेकर हजारों नागा साधु-संत, विभिन्न अखाड़ों के पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर, श्री महंत, वीआईपी मेहमान भी शामिल हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अनुसार प्रात:09 बजे 2 लाख 37 हजार, 335, अपराह्न तीन बजे तक 4 लाख 56 हजार 589, सायंकाल सात बजे 6 लाख 67 हजार 855, रात दस बजे तक 08 लाख 29 हजार 708, रात 12 बजे तक बाबा विश्वनाथ की प्रथम प्रहर की आरती तक 09 लाख सात हजार 435 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन कर लिया।
गुरुवार तड़के बाबा की तृतीय और चतुर्थ प्रहर की आरती और बाबा का शृंगार किया गया। महापर्व पर पूरी रात में चारों प्रहर की आरती के दौरान भी श्री काशी विश्वनाथ महादेव का झांकी दर्शन अनवरत चलता रहा। न्यास के अनुसार तीसरे प्रहर की आरती तड़के 03:30 बजे से प्रारम्भ होकर प्रातः 04:30 बजे समाप्त हुई और झांकी दर्शन सतत् चलता रहा। वहीं चतुर्थ प्रहर की आरती प्रातः 05:00 बजे से प्रारम्भ होकर प्रातः 06:15 बजे समाप्त हुई और झांकी दर्शन सतत् चलता रहा। गुरुवार को पूरे दिन श्रद्धालु बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का झांकी दर्शन करते रहे। दर्शन पूजन शयन आरती तक अनवरत चलता रहेगा।
बता दें, महाशिवरात्रि पर नागा संन्यासियों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाकर महाकुंभ की पूर्णाहुति की। मंदिर में शंखनाद और डमरुओं की डिमिक-डिमिक संग नागाओं ने नृत्य किया। काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि महाशिवरात्रि पर सभी पांच अखाड़ों ने महादेव की पूजा-अर्चना की और महाकुंभ की पूर्णाहुति के लिए बाबा का अभिषेक किया। महाकुंभ के पलट प्रवाह के बाद से ही वाराणसी में भारी भीड़ देखी जा रही थी। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के साथ-साथ अधिक संख्या में श्रद्धालु देर शाम होने वाली गंगा आरती में भी शामिल हो रहे थे।
बढ़ते भीड़ को देखते हुए गंगा आरती को सांकेतिक रूप से ही संपन्न कराया जा रहा था, आज से दशास्वामेध घाट की गंगा आरती पुनः भव्य रूप में शुरू हुई। 7 अर्चकों की मौजूदगी में भव्य और आकर्षक रूप में माँ गंगा की आरती संपन्न हुई। इस दौरान आयोजकों की तरफ से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वालंटियर बढ़ाए गए थे। 20 अतिरिक्त वालंटियर आज से दशास्वामेध घाट की गंगा आरती के दौरान तैनात रहेंगे। महाकुंभ और महाशिवरात्रि संपन्न होने के बाद अब वाराणसी में भी भीड़ की स्थिति सामान्य की ओर देखी जा रही है।