वंदे भारत स्लीपर वर्जन का निर्माण रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ) में शुरू हो गया है। इस कांसेप्ट ट्रेन में यात्री हवाई जहाज जैसी सुविधाओं का लुत्फ उठाएंगे। 160 किमी की स्पीड से ट्रैक पर दौड़ने वाली यह ट्रेन महज 50 सेकेंड में 100 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से हवा से बातें करने लगेगी।
खास बात यह है कि वंदे भारत चेयरकार डिजाइन के जनक एस. श्रीनिवास के हाथ में ही स्लीपर वर्जन के कोच तैयार करने की कमान है। इस समय एस.श्रीनिवास रेल कोच फैक्टरी कपूरथला में बतौर महाप्रबंधक तैनात हैं। आरसीएफ में पहली बार वंदे भारत एक्सप्रेस स्लीपर वर्जन की 16 ट्रेनों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। अगले वित्त वर्ष में पहली ट्रेन रवाना किए जाने की संभावना है। काबिले गौर हो कि एस. श्रीनिवास आईसीएफ चेन्नई में बतौर चीफ डिजाइन इंजीनियर (सीडीई) सेवाएं निभा रहे थे और वंदे भारत चेयरकार का डिजाइन इनके मार्गदर्शन में ही तैयार किया गया था।
एस. श्रीनिवास ने खुलासा कि फैक्टरी के इंजीनियरों ने डिजाइन की योजना पूरी कर ली है। पार्ट्स और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए ऑर्डर दे दिए हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेन के लिए नए स्लीपर वर्जन कोच की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया कि इसका इंटीरियर बिल्कुल हवाई जहाज जैसा होगा। लाइटिंग समेत अन्य सुविधाएं भी एयर ट्रेवल से मेल खाती होंगी। आपातकालीन स्थिति में यात्रियों को ट्रेन के ड्राइवर से टॉक बैक की सुविधा मिलेगी। हवाई जहाज की तरह वैक्यूम टॉयलेट होंगे। मेट्रो की तरह स्वचालित बाहरी दरवाजे और सेंसरयुक्त आंतरिक दरवाजे होंगे, जिससे यात्रियों को बेहद आरामदायक महसूस होगा।
एस. श्रीनिवास ने बताया कि आरसीएफ को बांग्लादेश रेलवे के लिए विभिन्न वेरिएंट के 200 कोच बनाने का निर्यात ऑर्डर मिला है। आरसीएफ जल्द ही इसका उत्पादन भी शुरू कर देगा। इसके अलावा आरसीएफ अगले साल मार्च के अंत तक मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट्स (एमईएमयू) के 41 सेट तैयार करेगा।
उन्होंने कहा कि आरसीएफ ने 1985 में अपनी स्थापना के बाद से विभिन्न प्रकार के 43 हजार कोच तैयार किए हैं। आरसीएफ की ओर से बनाए गए विस्डम कोचों का परीक्षण सफल रहा और इन कोचों को जल्द ही कालका-शिमला हेरिटेज रेल ट्रैक पर परिचालन में लाया जाएगा।