रामपुर, 06 अप्रैल 2025, रविवार: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज रामपुर में एक जोरदार और विचारोत्तेजक बयान दिया। उन्होंने कहा कि “साम्प्रदायिक टशन से संवैधानिक मिशन” को बंधक नहीं बनाया जा सकता। भाजपा स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए नकवी ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर चल रही बहस पर अपनी बेबाक राय रखी और इसे धार्मिक आस्था के संरक्षण और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार का मजबूत कदम बताया।
नकवी ने अपने संबोधन में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों पर निशाना साधा, जिन्हें उन्होंने “साम्प्रदायिक कुंड और साज़िशी झुंड” करार दिया। उन्होंने कहा कि ये तत्व साम्प्रदायिक फसाद को भड़काकर सियासी मफाद हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं। “संसद ने एक्ट बनाया था और संसद ने ही इसे करेक्ट किया है। कुछ लोग इसे ‘ज़मीन के कानून को आसमानी किताब’ बताकर अपनी असंवैधानिक उदंडता को जायज़ ठहराने की कोशिश कर रहे हैं,” नकवी ने तंज कसते हुए कहा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि वक्फ संशोधन से न तो ईमान को खतरा है और न ही इस्लाम को कोई नुकसान। यह सुधार वर्तमान वक्फ सिस्टम के प्रशासनिक संरक्षण, संवर्धन और सशक्तिकरण की संवैधानिक गारंटी है। नकवी ने इसे एक ऐसा कदम बताया जो साम्प्रदायिक सियासत के चंगुल से संवैधानिक सुधार को आज़ाद करता है।

संसद से सड़क तक: तर्कों की कंगाली और मवाली व्यवहार
पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने वक्फ संशोधन पर संसद में हुई बहस का ज़िक्र करते हुए विपक्ष पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग संसद में तर्कों और तथ्यों की कंगाली से जूझ रहे थे, वही अब सड़कों पर मवाली जैसे व्यवहार के ज़रिए संवैधानिक सुधारों पर सांप्रदायिक वार कर रहे हैं। “ये लोग भय और भ्रम के भंवरजाल में समाज को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी साज़िशें नाकाम होंगी,” नकवी ने दृढ़ता से कहा।
उन्होंने आगे कहा कि हर संवैधानिक और समावेशी सुधार पर सांप्रदायिक-सियासी हमले करने वाली “हिस्ट्रीशीटर हुड़दंगी जमात” की सोच और सनक समाज के सौहार्द को तार-तार करने की अपराधिक कोशिशों से भरी है। लेकिन, नकवी के मुताबिक, यह जमात अब अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगी।

सुधारों का अमृत काल और मोदी सरकार की उपलब्धियां
नकवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधारों के ज़रिए समावेशी और सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण को मज़बूत किया है। “सुधारों पर स्वार्थी प्रहार की पाखंडी प्रयोगशाला अब परास्त हो रही है,” नकवी ने आत्मविश्वास के साथ कहा।
उन्होंने भारत में सुशासन और समावेशी सुधार के मौजूदा दौर को “अमृत काल” करार दिया। “साम्प्रदायिक छल के रिवाज को सुशासन के मिज़ाज ने छूमंतर कर दिया है,” नकवी ने मुस्कुराते हुए कहा, जिसे सुनकर सभागार तालियों से गूंज उठा।

सम्मेलन में गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख, जिला पंचायत अध्यक्ष ख्याली राम लोधी, पूर्व राज्य मंत्री शिव बहादुर सक्सेना, भाजपा जिला अध्यक्ष हरीश गंगवार, नगर विधायक आकाश सक्सेना और उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। सम्मेलन में उपस्थित कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने नकवी के विचारों का जोरदार समर्थन किया।
नकवी का यह संबोधन न केवल वक्फ संशोधन कानून पर उनकी स्पष्ट सोच को दर्शाता है, बल्कि भाजपा के संवैधानिक सुधारों और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। रामपुर से उठी यह आवाज़ आने वाले दिनों में देश भर में चर्चा का विषय बन सकती है।