लखनऊ, 7 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को लेकर उन्होंने सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाए। अखिलेश ने दावा किया कि सरकार JPNIC को बेचने की मंशा रखती है और इसके लिए फाउंडर मेंबर और सोसायटी को हटाने की साजिश रच रही है।
लोकतंत्र के लिए खतरनाक परंपरा
अखिलेश ने चेतावनी दी कि अगर कैबिनेट के फैसलों को बदला जाने लगा, तो भविष्य में आने वाली सरकारें भी ऐसा ही करेंगी। उन्होंने कहा, “यह परंपरा लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।” JPNIC को लेकर उन्होंने गर्व से बताया कि वह इसके फाउंडर मेंबर हैं और यह संस्था समाजवादी सरकार की देन है। इसके साथ ही उन्होंने अवध शिल्पग्राम का जिक्र किया, जहां आज आम महोत्सव मनाया जा रहा है। अखिलेश ने याद दिलाया कि यह शिल्पग्राम भी उनकी सरकार के समय बनाया गया था।
अंसल ग्रुप पर सवाल, महंगाई-बेरोजगारी पर तंज
अखिलेश ने अंसल ग्रुप की ऊंची इमारतों का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हें नेताजी मुलायम सिंह यादव ने बनवाया था और उस समय अंसल को 3 हजार रुपये में लाइसेंस दिया गया था। लेकिन आज उन मकानों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जो कभी सस्ते दामों पर उपलब्ध होने थे। उन्होंने गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग दिन-रात मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं, उन्हें अस्पताल से ऐसी दवा लानी चाहिए, जिससे उनका सपना जल्दी पूरा हो जाए।”
बीजेपी को सीसीटीवी से डर क्यों?
अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सीसीटीवी से डरती है, क्योंकि उनकी “चोरी” हर बार पकड़ी जाती है। कांवड़ यात्रा को लेकर भी उन्होंने सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि 9 साल में सरकार एक सुरक्षित कांवड़ कॉरिडोर तक नहीं बना सकी। वैदिक परंपराओं का हवाला देते हुए उन्होंने तंज कसा कि सरकार सिर्फ क्यूआर कोड बनवाने में व्यस्त है, लेकिन कांवड़ियों की असली सेवा के लिए कुछ नहीं कर रही। उन्होंने सुझाव दिया कि कमिश्नर और डीएम को कांवड़ियों की सेवा में लगना चाहिए, वहीं सीओ और एसडीएम को उनके पैर दबाने चाहिए, ताकि “पुण्य” कमाया जा सके।
कांवड़ यात्रा: भक्ति और एकता का प्रतीक
बता दें, कांवड़ यात्रा, जो हर साल सावन के पवित्र महीने में लाखों शिवभक्तों द्वारा की जाती है, न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। भक्त इस दौरान पवित्र स्थलों से गंगाजल लाकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, 2025 में सावन की शुरुआत 11 जुलाई की देर रात 02:06 बजे से होगी, और कांवड़ यात्रा 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक के साथ समाप्त होगी।
सियासी जंग का नया अध्याय
अखिलेश यादव के इन बयानों ने उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। उनके आरोपों ने बीजेपी सरकार को कठघरे में ला खड़ा किया है। क्या यह सिर्फ सियासी बयानबाजी है या JPNIC को लेकर कोई बड़ा खुलासा होने वाला है? यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर सरकार का जवाब क्या होता है और यह विवाद कहां तक जाता है।