बरेली, 11 अप्रैल 2025, शुक्रवार। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक सनसनीखेज मामले ने सबको हैरान कर दिया, जहां एक महिला ने गोली लगने और गैंगरेप की झूठी कहानी रचकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। इतना ही नहीं, उसने अपने शरीर में गोली “प्लांट” करवाने के लिए डॉक्टर और वार्ड बॉय की मदद ली। लेकिन बरेली पुलिस की सजगता और वैज्ञानिक जांच ने इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया। महिला, एक वार्ड बॉय और एक झोलाछाप डॉक्टर अब सलाखों के पीछे हैं, जबकि पुलिस इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।
29 मार्च की वह झूठी कहानी
मामला 29 मार्च 2025 का है, जब थाना कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली शमोली कौशिक ने पुलिस को सूचना दी कि पांच अज्ञात लोगों ने उसका गैंगरेप किया और उसे गोली मार दी। खबर मिलते ही पुलिस हरकत में आई और महिला को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शमोली, जो वीर सावरकर नगर रोड, इज्जतनगर की रहने वाली है, ने अपनी कहानी को इतनी गंभीरता से पेश किया कि शुरुआत में पुलिस भी उस पर यकीन करने लगी। संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हो गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने वैज्ञानिक साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के जरिए मामले की तह तक जाना शुरू किया। लेकिन जैसे ही जांच आगे बढ़ी, शमोली की कहानी में दरारें दिखने लगीं।
संदिग्ध चोट और बदलते बयान
जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज और फोटोग्राफ्स में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। मेडिकल रिपोर्ट ने भी गोली की चोट को संदिग्ध बताया। जब पुलिस ने शमोली से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने आखिरकार सच उगल दिया। उसने कबूल किया कि न तो उसे गोली लगी थी, न ही कोई गैंगरेप हुआ था। यह सब उसकी रची हुई कहानी थी।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। पुलिस ने जब गहराई से जांच की, तो पता चला कि शमोली ने जिला अस्पताल के वार्ड बॉय रोहताश से एक बुलेट और दो खोखा कारतूस हासिल किए थे। उसने कई डॉक्टरों से संपर्क कर अपने शरीर में गोली “प्लांट” करवाने की कोशिश की, लेकिन जब कोई तैयार नहीं हुआ, तो झोलाछाप डॉक्टर शराफत खां ने 2500 रुपये लेकर यह काम कर दिया। शमोली ने अपने शरीर को सुन्न करवाकर गोली प्लांट कराई और फिर पुलिस में गैंगरेप और गोलीकांड की फर्जी शिकायत दर्ज करा दी।
पहले भी रच चुकी थी झूठ का जाल
यह कोई पहली बार नहीं था जब शमोली ने ऐसा फर्जीवाड़ा किया। जांच में खुलासा हुआ कि 2022 में भी उसने तीन अज्ञात लोगों पर गैंगरेप और नशीला पदार्थ देने का झूठा आरोप लगाया था। बाद में उसने बरेली के मेयर उमेश गौतम समेत तीन लोगों पर इल्जाम लगाए, जो जांच में पूरी तरह बेबुनियाद निकले। उस मामले में शमोली के खिलाफ धारा 182/211 के तहत कोर्ट में रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसकी सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को होनी है। इस बार भी शमोली ने खुद को फंसता देख नई साजिश रची, लेकिन पुलिस की पैनी नजर ने उसे बेनकाब कर दिया।
साजिश में परिवार की भी मिलीभगत?
पुलिस को जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि शमोली की इस साजिश में उसके परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल थे, जो उसे इस फर्जीवाड़े में सहयोग दे रहे थे। पुलिस अब उनकी तलाश में जुटी है और जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही जा रही है।
पुलिस की सजगता ने खोला राज
बरेली पुलिस की त्वरित कार्रवाई और वैज्ञानिक जांच ने इस मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। शमोली, वार्ड बॉय रोहताश और डॉक्टर शराफत को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह साजिश न केवल कानून का दुरुपयोग थी, बल्कि समाज में भय और अफवाह फैलाने की कोशिश भी थी।
यह घटना न सिर्फ एक महिला की झूठी कहानी का पर्दाफाश करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि कानून का गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कितनी सख्ती की जरूरत है। बरेली पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया कि सच को छिपाना आसान नहीं, खासकर तब, जब कानून की नजर हर कदम पर नजर रख रही हो।