नई दिल्ली, 23 जनवरी 2025, गुरुवार। जम्मू-कश्मीर सरकार ने चिनार के पेड़ों के संरक्षण के लिए एक अनोखी पहल की है, जिसे ‘डिजिटल ट्री आधार’ कार्यक्रम कहा जाता है। इस कार्यक्रम के तहत, चिनार के पेड़ों का एक व्यापक डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसमें उनकी भौगोलिक स्थिति, स्वास्थ्य, और बढ़ने के क्रम की जानकारी शामिल होगी।
इस पहल के तहत, चिनार के पेड़ों को ‘जियो-टैग’ और क्यूआर कोड से लैस किया जा रहा है, जिससे संरक्षणकर्ताओं को परिवर्तनों का पता लगाने और जोखिमपूर्ण कारकों को दूर करने में मदद मिलेगी। इस अभियान में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) समेत आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
इस परियोजना का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर वन विभाग का जम्मू-कश्मीर वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) कर रहा है। एफआरआई के परियोजना समन्वयक सैयद तारिक ने कहा कि चिनार की कुल संख्या, उनकी स्थिति, उनकी ऊंचाई, परिधि आदि जानने के लिए एक सर्वेक्षण किया जा रहा है।
अब तक लगभग 28,500 चिनार के पेड़ों की पहचान, सर्वेक्षण और उनके आंकड़ों को अद्यतन किया गया है तथा यह प्रक्रिया जारी है।