वाराणसी, 30 जनवरी 2025, गुरुवार। वाराणसी में भगवती अन्नपूर्णा देवी की प्रतिष्ठा एवं कुंभाभिषेक का महासमारोह 48 साल बाद सात फरवरी को होने जा रहा है। यह समारोह जगद्गुरु शंकराचार्य दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर विधुशेखर भारती महास्वामी की अध्यक्षता में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी महाराज और श्रीकाशी विद्वत्परिषद के अध्यक्ष पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी सारस्वत भी इस समारोह में शामिल होंगे। इस समारोह की विशेषता यह है कि माता अन्नपूर्णा देवी के मंदिर के शिखर का 1000 कुंभों के जल से अभिषेक किया जाएगा। यह एक अद्वितीय और पवित्र अनुभव होगा, जिसमें देश के अनेक संत-महंत, साधु, पीठाधीश्वर भाग लेंगे। अनुष्ठानों का आयोजन एक फरवरी से ही आरंभ हो जाएगा जो नौ फरवरी तक चलता रहेगा।
कार्यक्रम संयोजक श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि समस्त आयोजन मंदिर के महंत स्वामी शंकर पुरी के संरक्षण में संचालित किए जाएंगे। यह समारोह वाराणसी के लोगों के लिए एक बड़ा उत्सव होगा, जिसमें वे अपनी आस्था और श्रद्धा को प्रकट कर सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति इस समारोह को और भी विशेष बना देगी।
कुंभाभिषेक महाआयोजन: श्रीअन्नपूर्णा माता के मंदिर में 48 साल बाद हो रहा है यह भव्य आयोजन, जानें इसकी विशेषताएं
कुंभाभिषेक महाआयोजन के लिए श्रीअन्नपूर्णा माता के मंदिर को पूरी तरह से स्वच्छ और सजाया जा रहा है। यह आयोजन 48 साल बाद हो रहा है, और इसके लिए विशेष तैयारियाँ की जा रही हैं। मंदिर के शिखर के लिए एक मंच का निर्माण किया जा रहा है, जिस पर 1000 घट रखे जाएंगे। इन घटों में विभिन्न पवित्र नदियों और सागरों के जल से शिखर का कुंभाभिषेक किया जाएगा। कुंभाभिषेक के साथ मां अन्नपूर्णा का प्रतिष्ठा संस्कार भी होगा, जिसमें वेदशाखाओं के ज्ञाता विद्वान और बटुक वेदापारायण करेंगे। यह आयोजन शास्त्रों के अनुसार 100 वर्षों के अंतराल पर कुंभाभिषेक करने का वैदिक विधान है।
काशी नगर प्रवेश व स्वागतोत्सव के साथ आयोजन की शुरुआत होगी, जिसमें माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की जलयात्रा कराई जाएगी। इसके बाद, विभिन्न अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें सर्वप्रायश्चित पंचगव्य प्राशनादि, श्रीगंगा नदी पूजन, तीर्थानयन, सौभाग्यवती स्त्रियों, वैदिक ब्राह्मणों और पूज्य संतों द्वारा अयुत मोदक महागणपति हवन, श्रीमहागणपति मूल मंत्र का जाप सहित दश सहस्त्र मोदकों का हवन शामिल है। यह आयोजन काशी के लोगों के लिए एक अद्वितीय और पवित्र अनुभव होगा, जिसमें वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करेंगे और अपनी आस्था को और भी मजबूत बनाएंगे।
काशी के अन्नपूर्णा मंदिर में महाकुंभाभिषेक आयोजन: जानें तिथिवार कार्यक्रम और विशेष अनुष्ठानों की जानकारी
काशी के अन्नपूर्णा मंदिर में माघ शुक्ल चतुर्थी दो फरवरी को एक भव्य आयोजन की शुरुआत होगी, जिसमें कोटिक कुंकुमार्चन संकल्प, गरु प्रार्थना, श्रीगणेश पूजन, स्वस्ति पुण्याह वाचनादि, महासंकल्प, आचार्य ब्रह्मादि ऋत्विग्वरण अनुष्ठान होंगे। इस आयोजन में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का मूर्ति संस्कार, बिंबशुद्धि, हवनादि, जलाधिवास कराया जाएगा। इसके बाद, तीन फरवरी को अधिवास हवन, पंचविंशति कलशों द्वारा महास्वपन होगा। साथ ही वस्त्राधिवास, धान्याधिवास, फलाधिवास आदि कराए जाएंगे। अगले दिन पांच फरवरी को अधिवास हवन, शय्याधिवास, प्रणवादि षोडश तत्त्व न्यास, छह फरवरी को मूलमंत्र न्यास, स्त्रपन कलश स्थापन होगा।
इसमें विभिन्न तीर्थों व विभिन्न औषधियों के जल से महाकुंभाभिषेक के लिए कलश स्थापन किया जाएगा। चारों वेदों के मंत्र पाठ पूर्वक कलशाभिमंत्रण किया जाएगा। मूलमंत्र हवनादि होंगे। सात फरवरी दशमी को शिखर महाकुंभाभिषेक दर्शन एवं तीर्थ प्रसाद वितरण होगा।