नई दिल्ली, 25 जनवरी 2025, शनिवार। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आयोग की संस्थागत ईमानदारी का लगातार क्षरण गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग का वर्तमान कामकाज संविधान का मजाक और मतदाताओं का अपमान है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में आयोग के रुख पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग का रुख आश्चर्यजनक रूप से पक्षपात से भरा रहा है।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हम राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाते हैं, लेकिन पिछले दस वर्षों में भारत के निर्वाचन आयोग की संस्थागत ईमानदारी का लगातार क्षरण गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है।” उन्होंने यह भी कहा कि हमारा निर्वाचन आयोग और हमारा संसदीय लोकतंत्र दशकों से निष्पक्ष, स्वतंत्र और विश्व स्तर पर अनुकरण के लिए आदर्श बन गया है। खरगे के अनुसार, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कायम रखने में लापरवाही अनजाने में सत्तावाद का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। उन्होंने कहा, ”इसलिए, हमारे लोकतंत्र को बचाये रखने और इसे रेखांकित करने वाले संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए हमारी संस्थाओं की स्वतंत्रता की रक्षा करना आवश्यक है।”
कांग्रेस महासचिव रमेश ने एक पोस्ट में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के महत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा कि यह दिन 2011 से मनाया जा रहा है और 25 जनवरी 1950 को निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी। रमेश ने निर्वाचन आयोग के पहले अध्यक्ष सुकुमार सेन की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की नींव रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि टीएन शेषन जैसे अन्य प्रतिष्ठित मुख्य चुनाव आयुक्तों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हालांकि, रमेश ने दावा किया कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की जोड़ी ने निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता और पेशेवर रवैये के साथ छेड़छाड़ की है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग के कुछ फैसलों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा रही है और आयोग का रुख हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों को लेकर पक्षपातपूर्ण रहा है।