वाराणसी, 16 अप्रैल 2025, बुधवार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट को लेकर जमकर हंगामा किया। कलेक्ट्रेट में घुसकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी-योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और “मोदी डरता है, पुलिस को आगे करता है” जैसे तीखे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा साफ था—वे इसे केंद्र सरकार की “द्वेषपूर्ण” और “बदनाम करने की साजिश” बता रहे थे।
कलेक्ट्रेट में धरना, ADM से तीखी नोकझोंक
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में धरना शुरू कर दिया, जिसके बाद ADM सिटी आलोक सिंह मौके पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश में उनकी तीखी बहस हो गई। आखिरकार, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें निष्पक्ष जांच की मांग की गई। चौबे ने सरकार पर सीधा हमला बोला, “मोदी और अमित शाह के इशारे पर ED और CBI सोनिया-राहुल की छवि खराब करने में लगे हैं। कांग्रेस ऐसी तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेगी।”
नेशनल हेराल्ड केस: आखिर है क्या माजरा?
नेशनल हेराल्ड केस की जड़ें 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका तक जाती हैं। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने नेशनल हेराल्ड अखबार और उसकी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए यंग इंडियन लिमिटेड नामक संगठन बनाया। स्वामी का दावा था कि दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित 2000 करोड़ की हेराल्ड हाउस बिल्डिंग को हड़पने के लिए यह सारी कवायद की गई।
आरोप है कि 2000 करोड़ की कंपनी को महज 50 लाख में खरीद लिया गया, जिसमें धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल थी। 2014 में ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया, और 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों को जमानत दे दी। अब, ED ने मंगलवार को पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया, राहुल, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं।
कांग्रेस का आरोप: “सत्ता का दुरुपयोग”
कांग्रेस का कहना है कि यह केस पूरी तरह निराधार है और सरकार उनकी छवि धूमिल करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि आज तक इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिला, फिर भी सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है।
क्या होगा आगे?
वाराणसी की सड़कों से लेकर दिल्ली की अदालतों तक, नेशनल हेराल्ड केस ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है, जबकि बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा मानती है। इस मामले में अगली सुनवाई और जांच की दिशा तय करेगी कि यह सियासी जंग किस करवट बैठती है।