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Tuesday, July 1, 2025

संसद सत्र के एजेंडे पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहां- आखिरी समय में छोड़े जाने वाले विधायी हथगोलों को छिपा रही सरकार

सरकार ने हाल ही में संसद के विशेष सत्र का एजेंडा जारी किया। इस पर कांग्रेस ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो एजेंडा जारी किया है, उसमें कुछ भी नहीं है। हालांकि, कांग्रेस ने आशंका जताई कि सरकार आखिरी समय में छोड़े जाने के लिए अपने विधायी हथगोलों को छिपा रही है। 

जयराम रमेश का वार
कांग्रेस नेता ने कहा कि आखिरकार सोनिया गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र के दबाव के बाद सरकार ने पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा कर दी है। फिलहाल जो एजेंडा सामने आया है, उसमें कुछ भी नहीं है। इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था। जयराम रमेश ने कहा कि मुझे यकीन है कि सरकार हमेशा की तरह विधायी हथगोले आखिरी क्षण में छोड़ने के लिए तैयार है। परदे के पीछे कुछ और है! इसके बावजूद इंडिया गठबंधन की पार्टियां घातक सीईसी विधेयक का डटकर विरोध करेंगी।

सार्वजनिक मुद्दों पर ध्यान नहीं
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सत्र के अब तक घोषित एजेंडे में सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में उठाए गए सार्वजनिक मुद्दों पर बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अहम मुद्दों की बजाय सिर्फ हेडलाइन प्रबंधन को चुना गया है। इस एजेंडे को देखकर 140 करोड़ भारतीय बेहद निराश हैं।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी एजेंडे को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा भारत के सामने सबसे गंभीर मुद्दों को उजागर करने के बावजूद सरकार चुप रहना चाहती है। उन्होंने कहा कि मणिपुर कहां है? बेरोजगारी? हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा? महाराष्ट्र में सूखा? मुद्रास्फीति? आदि मुद्दों पर बात होनी चाहिए।

टीएमसी प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि सरकार ने संसद विशेष सत्र के लिए एक एजेंडा पेश किया है। हालांकि, एजेंडे में एक चेतावनी है इसे संपूर्ण नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या यह गंदी चालें नहीं हैं? ओब्रायन ने कहा कि विशेष संसद सत्र शुरू होने में दो कार्य दिवस शेष हैं और अभी भी एजेंडे पर एक शब्द भी नहीं है। टीएमसी प्रवक्ता ने आगे कहा कि एजेंडा केवल दो लोग जानते हैं। फिर भी हम खुद को संसदीय लोकतंत्र कहते हैं। 

18 सितंबर से शुरू होगा संसद का सत्र
इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों के बुलेटिन में कहा गया था कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा। सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा। इसमें कहा गया था कि सत्र आमतौर पर सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। वहीं, इस सत्र में संसद की कार्यवाही पुराने भवन से नए संसद भवन में चलने की संभावना है।

ये बिल सूचीबद्ध
बता दें, सरकार ने बुधवार को एजेंडा जारी कर बताया कि सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को ‘संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 साल की संसदीय यात्रा’ पर चर्चा की जाएगी। साथ ही संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा के अलावा चार विधेयक भी सूचीबद्ध किए गए हैं।

जिन चार विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है, उनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित हो चुका है और लोकसभा में लंबित हैं। इसके साथ ही डाकघर विधेयक 2023 और मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 भी सूचीबद्ध है।

सर्वदलीय बैठक 17 सितंबर को
सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा। इससे पहले सरकार ने 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया साइट एक्स के जरिए बताया कि इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। इस संबंध में आमंत्रण नेताओं को ई मेल से भेज दिया गया है। पत्र भी भेजे जाएंगे।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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