वाराणसी, 25 मार्च 2025, मंगलवार। 25 मार्च की देर रात्रि, काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में धरने पर बैठे छात्र शिवम् सोनकर के समर्थन में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहुंचे। लखनऊ से सड़क मार्ग के जरिए वाराणसी आए श्री राय ने बिना देरी किए बीएचयू कैंपस का रुख किया, जहां उनकी मुलाकात धरनारत छात्र शिवम् से हुई। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और नेता भी मौजूद रहे। यह घटना उस वक्त सामने आई, जब बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में कथित अन्याय के खिलाफ शिवम् सोनकर पिछले कुछ समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
अजय राय ने इस मौके पर केंद्र सरकार और बीएचयू प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में स्थित इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में एक दलित छात्र के साथ अन्याय हो रहा है, जो सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि शिवम् सोनकर, जो अनुसूचित जाति से आते हैं, ने 8 बार नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है और सामान्य श्रेणी में द्वितीय स्थान हासिल किया। इसके बावजूद, RET EXEMPTED श्रेणी में तीन सीटें खाली होने के बाद भी केवल दो सीटें ही उपलब्ध कराई गईं, जिसके चलते शिवम् को प्रवेश से वंचित रखा जा रहा है।

श्री राय ने इसे उच्च शिक्षा में जातिगत भेदभाव का ज्वलंत उदाहरण करार देते हुए कहा, “यह सिर्फ एक छात्र की समस्या नहीं, बल्कि संविधान में निहित समता और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर हमला है। बीएचयू में भ्रष्टाचार और पक्षपात चरम पर है। भाजपा ने इस ऐतिहासिक संस्थान को आरएसएस का अड्डा बना दिया है। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की बगिया को यह सरकार उजाड़ रही है और इसके लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि शिवम् सोनकर जैसे होनहार छात्र देश का भविष्य हैं और उनके साथ हो रहा यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी। “हम छात्रों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे। शिवम् अकेले नहीं हैं, पूरी कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। बीएचयू प्रशासन को शिवम् को पीएचडी में दाखिला देना ही होगा। हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि वह तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करें और छात्र के साथ न्याय सुनिश्चित करें।”

इस अवसर पर अजय राय के साथ जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, पंकज सोनकर, फसाहत हुसैन बाबू, चंचल शर्मा, विश्वनाथ कुंवर, रोहित दुबे, परवेज खान, कुंवर यादव, धीरज सोनकर, शशांक शेखर, सुमन आनंद सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। यह घटना न केवल बीएचयू के प्रशासनिक ढांचे पर सवाल उठाती है, बल्कि देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में पारदर्शिता और निष्पक्षता की जरूरत को भी रेखांकित करती है।
कांग्रेस का यह कदम छात्रों के बीच एक नई उम्मीद जगा रहा है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और न्याय मिलेगा। “लड़ो लड़ाई, पढ़ो पढ़ाई” के नारे के साथ शुरू हुई यह मुहिम अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है।
