कांग्रेस ने रविवार को कहा कि संसद को एक कानून पारित करना चाहिए, ताकि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक हो सके। विपक्षी पार्टी की ओर से यह बयान तब सामने आया है, जब एक दिन पहले जद (यू) ने बिहार में आरक्षण की सीमा को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की।
जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को बैठक हुई। जिसमें पार्टी ने उच्च न्यायालय के हालिया उस फैसले पर चिंता जताई। जिसमें बिहार सरकार के अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दी गई। बैठक में एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। जिसमें जदयू ने भाजपा के नेतृतत्व वाली केंद्र सरकार से राज्य के कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने का अनुरोध किया, ताकि उसकी न्यायिक समीक्षा की संभावना खारिज की जा सके।