नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2025: देश में आसमान छूती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है, और इस मुद्दे पर कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने सरकार से मांग की है कि महंगाई पर तुरंत संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और एक श्वेत पत्र जारी कर स्थिति को स्पष्ट किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सिलेंडर की कीमतें कम करने की अपील की, ताकि आम आदमी को राहत मिल सके।
भाजपा ने मुंह मोड़ा, जनता त्रस्त
नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलका लांबा ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “महंगाई आज देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है, लेकिन भाजपा सरकार इसे अनदेखा कर रही है।” उन्होंने आंकड़ों के साथ तुलना की और याद दिलाया कि 2014 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब कच्चा तेल 108 डॉलर प्रति बैरल था, फिर भी पेट्रोल 72 रुपये और डीजल 55 रुपये प्रति लीटर था। आज, जब कच्चा तेल 65.31 डॉलर प्रति बैरल है, पेट्रोल 100 रुपये और डीजल 88 रुपये के आसपास पहुंच गया है। सवाल उठता है—कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बावजूद जनता को राहत क्यों नहीं?
तेल कंपनियों का मुनाफा, जनता की जेब ढीली
लांबा ने एक्साइज ड्यूटी में बेतहाशा वृद्धि पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि 2014 में पेट्रोल पर 9.20 रुपये और डीजल पर 3.46 रुपये की ड्यूटी थी, जो अब बढ़कर क्रमशः 19.90 रुपये और 15.80 रुपये हो गई है। पिछले 11 सालों में सरकार ने इससे करीब 40 लाख करोड़ रुपये कमाए, लेकिन यह पैसा जनता की जेब से ही निकला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियां तेल कंपनियों को मुनाफा पहुंचाने और चंदा जुटाने के लिए बनाई जा रही हैं। लांबा ने सीएजी ऑडिट, सीवीसी और सीबीआई जांच की मांग की, ताकि इस “लूट” का सच सामने आए।
सिलेंडर 414 से 1100 रुपये, कहां है राहत?
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों पर भी लांबा ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “2014 में सिलेंडर 414 रुपये में मिलता था, आज यह 1100 रुपये से ज्यादा का हो गया। रसोई का बजट बिगड़ रहा है, लेकिन सरकार को कोई फिक्र नहीं।” उन्होंने मांग की कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, ताकि कीमतों पर नियंत्रण हो सके।
महिलाएं सड़कों पर, आंदोलन होगा और तेज
महिला कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है। लांबा ने बताया कि वह खुद बिहार में इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन और उग्र होगा। “महंगाई एक महामारी बन सकती है। सरकार को समय रहते जागना होगा, वरना जनता जवाब देगी,” उन्होंने कहा।
आम आदमी की पुकार
कांग्रेस की यह मांग न केवल आर्थिक राहत की बात करती है, बल्कि सरकार की जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है। जब कच्चे तेल की कीमतें कम हैं, तो जनता पर महंगाई का बोझ क्यों? यह सवाल हर भारतीय के मन में है, और इसका जवाब सरकार को देना होगा। क्या भाजपा इस चुनौती का सामना करेगी, या फिर जनता की आवाज को अनसुना करेगी? समय बताएगा।