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Monday, June 30, 2025

सपा के द्वारा प्रस्तावित किए गए सीटों को कांग्रेस ने ठुकराया, दिया एकला चलो का संदेश

उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन टूट के कगार पर पहुंच गया है। सपा ने कांग्रेस को जो 17 सीटें प्रस्तावित की थीं, उनमें से वाराणसी में अपना प्रत्याशी उतार दिया है, जबकि, अमरोहा व बागपत में प्रभारी देकर ‘एकला चलो’ के अपने इरादे साफ जाहिर कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों के बीच सोमवार देर रात भी सीटों पर वार्ता हुई। कांग्रेस मुरादाबाद, बिजनौर और बलिया की सीट चाहती थी, लेकिन समाजवादी ये सीटें देने को तैयार नहीं है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा का निमंत्रण तो स्वीकार किया, पर अपनी घोषणा के अनुसार वह रायबरेली या अमेठी में इस यात्रा में शामिल नहीं हुए। अखिलेश ने सोमवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि सीटों का बंटवारा फाइनल होने से पहले वे इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे। इसके साथ ही उन 17 सीटों की सूची भी कांग्रेस नेतृत्व को भेज दी गई थी, जो सीटें बकौल सपा, कांग्रेस ने मांगी थीं।

सूत्रों का कहना है कि सपा नेतृत्व ने मंगलवार को बातचीत में शामिल दिल्ली के कांग्रेस नेताओं को यह संदेश भिजवा दिया कि सपा को जो सीटें देनी थीं, दे दी गई हैं। अब फैसला कांग्रेस का है कि गठबंधन करना है या नहीं। बताते हैं कि मंगलवार की शाम तक कांग्रेस की ओर से इसके सिवाय कोई जवाब नहीं आया कि हमारी बातचीत (सपा व कांग्रेस) जारी है। इसके बाद सपा ने अपनी पांच प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की, जिसमें वाराणसी भी शामिल है। आम तौर पर सपा जिन नेताओं को लोकसभा क्षेत्र प्रभारी नामित करती है, उन्हें ही बाद में अपना प्रत्याशी घोषित कर देती है। अमरोहा व बागपत सीटें भी कांग्रेस के लिए प्रस्तावित की गई थीं, लेकिन सपा ने बागपत में अपने पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी को प्रभारी नामित कर दिया। 

बदायूं से धर्मेंद्र की जगह शिवपाल
सपा ने अपने पांच लोकसभा प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी है। बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की जगह पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस को दी वाराणसी सीट पर भी सपा ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल को टिकट दे दिया है। 

पूर्व सांसद सलीम शेरवानी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद सपा ने बदायूं में अपनी रणनीति को बदलते हुए अनुभवी नेता शिवपाल सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है। 

पहले यहां से धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी घोषित किया गया था। कैराना से पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन, बरेली से पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन और हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत को प्रत्याशी बनाया गया है। इस तरह से सपा के अब तक 31 प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। 

धर्मेंद्र को दो सीटों का बनाया प्रभारी
सपा ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को कन्नौज और आजगमढ़, दोनों ही लोकसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया है। सपा सूत्रों के मुताबिक, इनमें से किसी एक सीट से अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ेंगे। दूसरी पर धर्मेंद्र यादव को उतारा जाएगा। 

मौर्य ने सपा और विधान परिषद की सदस्यता से दिया इस्तीफा
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सपा और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वे 22 फरवरी को दिल्ली में नई पार्टी का गठन करेंगे। उन्होंने इंडिया गठबंधन में ही बने रहने का एलान किया है। इस्तीफे के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने सपा के साथ-साथ भाजपा सरकार की नीतियों पर भी जमकर हमला बोला। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 13 फरवरी को त्यागपत्र देने के बाद सपा की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं की गई। इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं।

सपा को बर्बाद करने के लिए रामगोपाल ही काफी
मौर्य ने कहा कि सपा को बर्बाद करने के लिए उसके प्रमुख महासचिव रामगोपाल ही काफी हैं। राजनीति में उन्हें शिवपाल से सीख लेनी चाहिए। पल्लवी पटेल के मामले को शिवपाल ने अंदरूनी मामला बताया था, जबकि रामगोपाल ने कहा, राज्यसभा प्रत्याशियों को वोट न देने से पल्लवी की सदस्यता चली जाएगी। इससे दोनों (शिवपाल व रामगोपाल) की बातचीत के तरीके में अंतर समझा जा सकता है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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