नई दिल्ली, 3 सितंबर 2025: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और उनकी पत्नी कोटा नीलिमा पर दोहरे मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) रखने का गंभीर आरोप लगाया है। बीजेपी ने इसे मतदाता सूची में हेरफेर और “वोट चोरी” का हिस्सा बताते हुए कांग्रेस नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी, पर निशाना साधा है। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि यह मामला कांग्रेस की “लोकतंत्र विरोधी” गतिविधियों को उजागर करता है।
मालवीय ने सोशल मीडिया पर सबूत पेश करते हुए बताया कि कोटा नीलिमा, जो तेलंगाना के खैरताबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार हैं, के पास दो सक्रिय ईपीआईसी कार्ड हैं। पहला कार्ड खैरताबाद (ईपीआईसी नंबर: TDZ2666014) में 2023 और 2025 की मतदाता सूची में दर्ज है, जबकि दूसरा नई दिल्ली (ईपीआईसी नंबर: SJE0755975) में पंजीकृत है। इसके अलावा, पवन खेड़ा के पास भी नई दिल्ली में एक मतदाता पहचान पत्र होने का दावा किया गया है।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि कांग्रेस की सुनियोजित रणनीति है, जो मतदाता सूची में हेरफेर कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर कर रही है। मालवीय ने राहुल गांधी से सवाल किया कि वह इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं, खासकर तब जब वह और उनके सहयोगी तेजस्वी यादव बिहार में “वोटर अधिकार यात्रा” निकालकर चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” का आरोप लगा रहे हैं।
बीजेपी ने यह भी दावा किया कि यह सिलसिला केवल खेड़ा परिवार तक सीमित नहीं है। पार्टी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी 1980 में मतदाता सूची में नाम शामिल करवाने का आरोप लगाया, उन्हें “इतालवी मूल” का बताते हुए निशाना बनाया। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अवैध प्रवासियों और गैर-भारतीयों के वोट बैंक को बचाने में लगे हैं, जबकि आम मतदाताओं को बदनाम कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिना ठोस सबूतों के मतदाताओं पर निशाना साधा था, जिसे बीजेपी ने “ईमानदार मतदाताओं को खतरे में डालने” वाला कदम बताया। बीजेपी ने मांग की है कि चुनाव आयोग इस मामले की गहन जांच करे और दोहरे मतदाता कार्ड के दावों की सत्यता की पुष्टि करे।
कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह विवाद चुनावी मौसम में राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।