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Sunday, June 29, 2025

अपने ही जाल में फंसे कांग्रेस सरकार, सीएम सिद्धारमैया पर एक बार फिर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

कर्नाटक सरकार पर एक बार फिर से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। पिछली बार कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाए थे, इस बार वही कांग्रेस सत्ता में है और अब उस पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। कर्नाटक की कॉन्ट्रैक्टर्स निकाय ने पिछली भाजपा सरकार पर उस वक्त बम फोड़ा था, जब उन्होंने भाजपा सरकार पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप लगाए थे। अब एक बार फिर उसी कॉन्ट्रैक्टर्स निकाय ने कांग्रेस सरकार पर भी ऐसे आरोप लगा दिए हैं। 

ठेकेदारों ने लगाए आरोप
कर्नाटक स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। अब उन्होंने कहा कि ‘मुझे नहीं लगता कि भ्रष्टाचार में कमी आयी है। बस पहले नेता पैसा बनाते थे, अब अधिकारी पैसा बना रहे हैं।’ एक अन्य सदस्य ने आरोप लगाया कि ‘अधिकारी बिना रिश्वत के वर्क ऑर्डर जारी नहीं करते और न ही पैसा जारी करते हैं। साथ ही ये भी आरोप लगाया कि बड़े ऑर्डर अधिकारियों के करीबियों को मिल रहे है, जबकि स्थानीय ठेकेदारों को नजरअंदाज किया जा रहा है।’

सीएम ने कहा सबूत पेश करें
ठेकेदारों के आरोपों पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा पूर्व की सरकार में 40 प्रतिशत कमीशन के आरोपों की जांच के लिए  जस्टिस नागमोहन दास कमीशन का गठन किया था। अगर ठेकेदारों के पास कोई सबूत है तो उन्होंने जस्टिस नागमोहन दास कमीशन के साथ इन्हें साझा करना चाहिए। 

भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर बोला हमला
वहीं भाजपा ने इसे लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक सीएन अश्वत नारायण ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी ने हमारी सरकार पर झूठे आरोप लगाए थे। अब कांग्रेस सरकार में असली भ्रष्टाचार हो रहा है। जिन ठेकेदारों ने कांग्रेस के साथ मिलकर आरोप लगाए, अब उन्हें कांग्रेस सरकार में उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।’ उल्लेखनीय है कि साल 2022 में ठेकेदारों के आरोपों के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला बोला था और भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी ये मुद्दा खूब उछला और इसके चलते भाजपा को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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