पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू किसी न किसी बात को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं 2 दिन पहले अपने दिए गए बयान कि अगर पार्टी ने उन्हें फैसला लेने की स्वतंत्रता प्रदान नहीं की तो वह पार्टी की ईट से ईट बजा देंगे थी।
सिद्धू के इस बयान पर बवाल मचा तो अब कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने इस पर सफाई दी है। रावत ने सिद्धू को बचाते हुए सिद्धू के बयान को लेकर कहा कि सभी लोग सभ्य हैं और उन्हें मालूम है कि उन्हें क्या करना है। सबके बोलने का तरीका होता है इसलिए विद्रोही नहीं कहा जा सकता।
शुक्रवार को हरीश रावत ने पंजाब के हालात से पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को अवगत कराया था। मुलाकात के दौरान उन्होंने पंजाब कांग्रेस से संबंधित विषयों पर चर्चा करने के साथ ही प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का आग्रह किया। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रावत ने गुरुवार को कहा था कि उनके मन में यह है कि राज्य विधानसभा चुनाव पर पूरा ध्यान लगाने के लिए वह नेतृत्व से पंजाब प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का आग्रह करेंगे।
रावत ने यह भी कहा था, ”अगर मेरी पार्टी कहती है, आप इसे (पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी) जारी रखें तो मैं इस जिम्मेदारी का निवर्हन करता रहूंगा।” गौरतलब है कि पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना है। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रिश्तों में कड़वाहट के कारण पिछले कुछ महीनों में कई बार विवाद खड़ा हुआ है।
रावत के करीबियों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस में विवाद को सुलझाने के प्रयास में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जबकि वह कांग्रेस की ओर से उत्तराखंड के सबसे बड़े चेहरे हैं।