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Friday, October 18, 2024

राष्ट्रपति भाषण को कॉंग्रेस ने बताया सरकारी भाषण , गिनाए ग़ायब मुद्दे !

मोदी सरकार द्वारा लिखित राष्ट्रपति के अभिभाषण सुनकर ऐसा लगा जैसे मोदी जी जनादेश को नकारने की हर संभव कोशिश कर रहें हैं।

जनादेश उनके ख़िलाफ़ था, क्योंकि देश की जनता ने “400 पार” के उनके नारे को ठुकराया और भाजपा को 272 के आँकड़े से दूर रखा।

मोदी जी इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। ऐसा बरताव कर रहें हैं जैसे कुछ बदला ही नहीं, बल्कि सच्चाई है कि देश की जनता ने बदलाव माँगा था।

मैं राज्यसभा में अपने भाषण में विस्तृत प्रतिक्रिया दूँगा, पर प्रथमदृष्टया मैं कुछ बातें कहना चाहता हूँ।

NEET घोटाले में लीपापोती नहीं चलेगी।

पिछले 5 वर्षों में NTA द्वारा कराए गए 66 भर्ती परीक्षाओं में कम से कम 12 में पेपर लीक और धाँधली हुई है, जिससे 75 लाख से अधिक युवा प्रभावित हुए हैं। मोदी सरकार केवल यह कहकर कि “दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए” – अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। युवा न्याय माँग रहा है। मोदी सरकार के शिक्षा मंत्री को इसकी ज़िम्मेदारी लेनी होगी। देश का हर दूसरा युवा बेरोज़गार है, और भाषण में बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है। सिर्फ़ बातें करने से समस्या का हल नहीं निकलता, इसके लिए निर्णायक कदम उठाने होते हैं।

पूरे भाषण में देश के समक्ष 5 मुख्य मुद्दों का एक बार भी ज़िक्र नहीं है।

पहला, कमरतोड़ महँगाई

रोज़मर्रा की खान-पान की चीज़ें के दाम दिन-दोगुनी, रात-चौगनी बढ़ गए हैं। 4 महीनों से Food Inflation 8.5% से अधिक रहा है। आटे, दाल, टमाटर, प्याज, दूध – सबके दाम आसमान पर हैं। देश में परिवारों की बचत 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। पर पूरे अभिभाषण से “महँगाई” शब्द गायब है।

दूसरा, मणिपुर की हिंसा

13 महीनों से लगातार चल रही मणिपुर की हिंसा में 221 लोगों की जान गई है, अभी भी 50,000 लोग बेघर हैं। हिंसा की आग अब जिरीबाम जैसे शांतिपूर्ण जिलों तक फैल गई है, जबकि इम्फाल घाटी और अन्य क्षेत्रों में जबरन वसूली और अपहरण में वृद्धि देखी गई है। पर भाजपा के मुख्यमंत्री अभी भी सत्ता पर काबिज़ हैं। शांति की कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

तीसरा,भीषण रेल दुर्घटना व ट्रेनों में यात्रियों की दुर्दशा

मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के लिखित भाषण में पश्चिम बंगाल में हुई रेल दुर्घटना का कोई ज़िक्र नहीं किया। बालासोर की रेल त्रासदी के बाद भी सरकार ने कोई सबक नहीं किया। बहुप्रचारित “कवच” सुरक्षा अभी केवल 2% पटरियों पर लगी है, जबकि NCRB के मुताबिक 2017 और 2021 के बीच ट्रेन हादसों से संबंधित 100,000 से अधिक मौतें हुईं।

चौथा, जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले

मोदी सरकार ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, पिछले 10 वर्षों में जम्मू और कश्मीर में 2,262 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 363 नागरिक मारे गए और 596 जवान शहीद हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में कश्मीरी पंडितों पर आये दिन हमले हुए हैं, पर प्रधानमंत्री “नया कश्मीर” का झूठा राग अलाप रहें हैं।

पाँचवा, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों पर भाजपा शासित राज्यों में बढ़ते अत्याचार

चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी जी के भाषणों ने इस तथ्य पर कई बार मोहर लगाई कि BJP/RSS की सोच केवल समाज को बाँटने की है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, असम व उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में मोदी सरकार के आते ही मॉब लिंचिंग, भीड़तंत्र, सांप्रदायिक हिंसा और ग़रीबों के घरों में ग़ैरकानूनी बुलडोज़र चलने की घटनाएं बढ़ी हैं। पर सत्ताधारी दल पूरी तरह मौन धारण कर के बैठे हैं।

कुल मिलाकर, मोदी जी, महामहिम राष्ट्रपति जी से झूठ बुलवाकर, वाहवाही लूटने का सस्ता प्रयास कर रहें हैं, जिसे 2024 के चुनाव में भारत की जनता नकार चुकी है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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