नई दिल्ली, 2 जून 2025, सोमवार: गोवा की सियासी गलियों में एक बार फिर हंगामा मच गया है, और इस बार वजह है एक बैनर, जो कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बन गया! गोवा स्थापना दिवस के मौके पर कांग्रेस ने ऐसा बैनर लगाया, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीर ही गायब थी। बस फिर क्या, बीजेपी ने मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोल दिया और इसे ‘दलित नेता का अपमान’ करार दे डाला। दूसरी तरफ, कांग्रेस इसे ‘छोटी-सी चूक’ बताकर पल्ला झाड़ रही है।
बैनर में सब, बस खरगे गायब!
30 मई को गोवा की राजधानी पणजी में कांग्रेस ने गोवा स्थापना दिवस के जश्न के लिए एक शानदार समारोह रखा था। मंच सजा, बैनर टंगे, और नेताओं की तस्वीरें भी चमक रही थीं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, गोवा कांग्रेस प्रमुख अमित पाटकर और विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ की तस्वीरें बैनर पर विराजमान थीं, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे? अरे, उनकी तस्वीर तो कहीं दिखी ही नहीं! पहले तो कांग्रेस ने दक्षिण गोवा के नवेलिम में खरगे की मौजूदगी में एक जनसभा प्लान की थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। और अब ये बैनर विवाद? ये तो वाकई ‘खरगे गायब, कांग्रेस पर सवाल बरसात’ वाला मामला बन गया!
बीजेपी का तंज: ‘कांग्रेस की दलित विरोधी सोच उजागर’
बीजेपी को जैसे ही इस बैनर की भनक लगी, उसने मौके पर चौका मार दिया। बीजेपी ने अपने X हैंडल पर बैनर की तस्वीर शेयर करते हुए तंज कसा, “कांग्रेस ने अपने दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष का अपमान किया है! गोवा स्थापना दिवस के आधिकारिक बैनर से मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीर जानबूझकर हटाई गई। ये क्या, कांग्रेस की दलित विरोधी मानसिकता का नमूना है?” बीजेपी ने इस मौके को लपकते हुए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया और सियासी माहौल को और गर्म कर दिया।
कांग्रेस का बचाव: ‘अरे, ये तो बस गलती थी!’
अब कांग्रेस भी कहां चुप रहने वाली थी? गोवा कांग्रेस प्रमुख अमित पाटकर ने तुरंत सफाई दी और कहा, “अरे भाई, ये तो बस एक छोटी-सी गलती थी!” पाटकर ने दावा किया कि बाकी पूरे शहर में लगे पोस्टरों में खरगे की तस्वीर मौजूद है। उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, “जरा शहर के बाकी बैनर तो देख लो, खरगे जी की तस्वीर वहां चमक रही है। इस छोटी-सी चूक को इतना बड़ा मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है? हमारे पास बीजेपी के खिलाफ और भी बड़े-बड़े मुद्दे हैं, उन पर बात करो!” लेकिन सवाल ये है कि क्या ये वाकई ‘छोटी-सी चूक’ थी, या फिर कांग्रेस के लिए ये बैनर बन गया सिरदर्द का सबब?
सियासी ड्रामा का अगला सीन क्या?
गोवा का ये बैनर बवाल अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। बीजेपी इसे कांग्रेस की ‘दलित विरोधी’ छवि के सबूत के तौर पर पेश कर रही है, तो कांग्रेस इसे महज एक तकनीकी गड़बड़ बता रही है। लेकिन सवाल वही है- अगर ये गलती थी, तो इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई? और अगर ये जानबूझकर था, तो क्या कांग्रेस के भीतर कोई आंतरिक सियासत चल रही है? खैर, इस सवाल का जवाब तो वक्त ही देगा, लेकिन फिलहाल गोवा की सियासत में ये बैनर बवाल खूब सुर्खियां बटोर रहा है!