नई दिल्ली, 27 जुलाई 2025: कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के जैविक कपास घोटाले का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। पार्टी ने इस मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठन की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि इस घोटाले ने भारत की वैश्विक जैविक बाजार में साख को गहरा धक्का पहुंचाया है और किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
इंदिरा भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य दिग्विजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ कारोबारी गैर-जैविक कपास को ‘जैविक’ बताकर छह गुना मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि किसान न्यूनतम मूल्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार की शह पर यह धोखाधड़ी फल-फूल रही है, जिसमें आयकर और जीएसटी चोरी के साथ-साथ भारत की अंतरराष्ट्रीय साख को नुकसान पहुंचा है।
दिग्विजय सिंह ने बताया कि 2001 में शुरू हुए राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) के तहत जैविक उत्पादों का प्रमाणन और निर्यात नियमन होता है। इसके लिए आंतरिक नियंत्रण प्रणाली (आईसीएस) का सत्यापन कर ट्रांजैक्शन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, जो जैविक उत्पादों की पहचान करता है। वर्तमान में 6,046 आईसीएस और 35 प्रमाणन निकाय हैं, लेकिन इनमें बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी सामने आई है। सिंह ने आरोप लगाया कि कई किसानों को बिना उनकी जानकारी के फर्जी आईसीएस समूहों में शामिल दिखाया गया, जिन्हें जैविक खेती का कोई अनुभव नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस घोटाले का अनुमानित आकार 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। पिछले एक दशक में 12 लाख किसानों ने 1.05 ट्रिलियन रुपये का कपास उगाया, जिसे कारोबारी संस्थाओं ने गैर-जैविक बताकर सस्ते में खरीदा और फिर जैविक बताकर कई गुना कीमत पर बेचा। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की 2022 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत के 80% जैविक कपास निर्यात में धोखाधड़ी पाई गई है, जिसके चलते यूएसडीए, यूरोपियन यूनियन और ग्लोबल ऑर्गेनिक टेक्सटाइल स्टैंडर्ड ने भारतीय प्रमाणकों की मान्यता रद्द कर दी है।
सिंह ने बताया कि उन्होंने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश में इस घोटाले की जानकारी दी थी। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गड़बड़ी स्वीकार की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस ने मांग की है कि 192 फर्जी आईसीएस समूहों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो, सभी समूहों की जांच की जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला किसानों और देश की साख के लिए और गंभीर संकट पैदा करेगा।