संविधान बचाओ बनाम आपातकाल की जंग का असर वर्तमान सत्र के बचे चार कार्य दिवसों पर पड़ना तय है। कांग्रेस की अगुवाई में इंडिया गठबंधन के आम चुनाव के बाद संविधान बचाओ मुहिम को जारी रखने की रणनीति का जवाब देते हुए आपातकाल मामले को पूरी ताकत से उठा कर सरकार ने भी अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
सत्र के दौरान संविधान बचाओ मार्च, इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों के एक-एक सदस्यों का संविधान की प्रति के साथ शपथ ग्रहण इसी रणनीति का हिस्सा है। स्पीकर पद का चुनाव, डिप्टी स्पीकर पद की मांग कर विपक्ष इसी धारणा को मजबूत कर रही थी कि सरकार संविधान के बताए रास्ते पर नहीं है।