बरेली, 24 अप्रैल 2025, गुरुवार। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव की आग भड़क उठी है। इस बार मामला बारादरी थाना क्षेत्र के लोधी टोला का है, जहां एक प्राचीन कुएं को लेकर शुरू हुआ विवाद खतरनाक मोड़ ले चुका है। इस्लामिक कट्टरपंथी IMC नेता मोईन सिद्दीकी, जिन्हें ‘चोटी कटवा’ के नाम से भी जाना जाता है, ने हिंदुओं को चुन-चुनकर मारने और ‘सिर तन से जुदा’ करने की खुली धमकी दी है। इस धमकी से इलाके के हिंदू समुदाय में दहशत का माहौल है।
प्राचीन कुआं बना विवाद का केंद्र
लोधी टोला की निवासी माया देवी के मुताबिक, उनके घर के पास एक प्राचीन कुआं है, जो हिंदू समुदाय के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस कुएं पर बस्ती के लोग पूजा-पाठ और अनुष्ठान करते हैं। लेकिन कुछ समय से इस कुएं को पाटने की कोशिशें हो रही हैं, जिसका माया देवी और उनके बेटे जीतू ने पुरजोर विरोध किया। जीतू ने इस मामले में कई बार नगर निगम में शिकायत भी दर्ज की थी। यही शिकायत मोईन सिद्दीकी को नागवार गुजरी।
माया देवी का आरोप है कि 17 अप्रैल की शाम, जब वह नवाब साहब के पास वाली गली से गुजर रही थीं, मोईन सिद्दीकी ने उन्हें घेर लिया। मोईन ने गुस्से में कहा, “तेरा बेटा कुएं को लेकर बार-बार शिकायत करता है। किसी दिन उसका सिर धड़ से अलग कर लटका दूंगा।” इतना ही नहीं, उसने धमकी दी कि कुआं उसने ही पटवाया है और अब कोई इसकी शिकायत करेगा तो हिंदुओं को घर में घुसकर मारा जाएगा। मोईन ने यह भी कहा कि “जब हमारी सरकार आएगी, तब एक भी हिंदू मर्द जिंदा नहीं बचेगा।”
स्थानीय समर्थन और पुलिस की कार्रवाई
आरोप है कि इस मामले में स्थानीय पार्षद अनीस भी मोईन का समर्थन कर रहे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। माया देवी की शिकायत पर बारादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि आरोपी मोईन सिद्दीकी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन इलाके में तनाव बरकरार है।
डर के साये में हिंदू समुदाय
मोईन की धमकियों ने लोधी टोला के हिंदू समुदाय को भयभीत कर दिया है। यह कुआं न सिर्फ उनकी आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामुदायिक एकता का भी केंद्र रहा है। अब इस कुएं को बचाने की उनकी कोशिशें खौफनाक धमकियों की भेंट चढ़ती दिख रही हैं।
सवालों के घेरे में सामाजिक सौहार्द
यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि क्या धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद समाज में नफरत की खाई को और गहरा करेंगे? बरेली जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह की घटनाएं सामाजिक सौहार्द को कमजोर कर सकती हैं। पुलिस और प्रशासन के सामने अब न सिर्फ इस मामले की निष्पक्ष जांच की चुनौती है, बल्कि क्षेत्र में शांति और विश्वास बहाल करने की जिम्मेदारी भी है। क्या यह प्राचीन कुआं अपनी पहचान बचाए रख पाएगा, या यह विवाद और हिंसा को जन्म देगा? यह सवाल अब समय के गर्भ में है।