वाराणसी, 28 जून 2025: जाम, अव्यवस्थित ट्रैफिक और अतिक्रमण की मार झेल रहे काशीवासियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। शनिवार को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने अनोखे अंदाज में शहर की सड़कों का जायजा लिया। सादे कपड़ों में, बारिश के बीच छाता थामे और ई-रिक्शा पर सवार होकर वे बनारस की तंग गलियों और भीड़भाड़ वाली सड़कों पर निकल पड़े। कबीरचौरा, मैदागिन, लोहटिया और कालभैरव जैसे इलाकों में उनकी यह गुप्त यात्रा किसी को भनक तक नहीं लगी।

‘कमिश्नर ऑन रिक्शा मिशन’: जमीनी हकीकत का कड़ा इम्तिहान
कमिश्नर अग्रवाल ने इस निरीक्षण को पूरी तरह गोपनीय रखा। अपने मोबाइल से अतिक्रमण की वीडियो रिकॉर्डिंग करते हुए उन्होंने दुकानदारों, ठेलेवालों और फुटपाथ कब्जाधारियों को चिन्हित किया। उनका मकसद था – बिना किसी पूर्व तैयारी के सड़कों की असल तस्वीर देखना। इस दौरान उन्होंने 50 से अधिक अतिक्रमण स्थलों को नोट किया और संबंधित थाना प्रभारियों को तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
सख्ती का संदेश: लापरवाह बख्शे नहीं जाएंगे
निरीक्षण के बाद कमिश्नर ने दो टूक कहा, “अतिक्रमण सिर्फ ट्रैफिक की समस्या नहीं, यह बनारस की सांस्कृतिक छवि पर धब्बा है। अब सिर्फ निर्देश नहीं, सख्त कार्रवाई होगी।” उन्होंने 10 बीट आरक्षियों और सब-इंस्पेक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही, बार-बार अतिक्रमण करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया।

क्या है अब तक की कार्रवाई?
- 250+ अतिक्रमणकारियों पर एफआईआर दर्ज।
- 50+ हाई ट्रैफिक प्वाइंट चिन्हित।
- दर्जनों पुलिसकर्मियों पर पहले ही हो चुकी है विभागीय कार्रवाई।
- बार-बार उल्लंघन पर गैंगस्टर एक्ट की चेतावनी।
बनारस की सड़कों पर बदलाव की बयार
कमिश्नर मोहित अग्रवाल का यह अनोखा “रिक्शा मिशन” न सिर्फ अतिक्रमण के खिलाफ जंग का आगाज है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही की नई मिसाल भी है। आम आदमी की तरह सड़कों पर उतरकर उन्होंने साबित कर दिया कि बनारस की सड़कों को जाम और अव्यवस्था से मुक्त करने की उनकी मंशा गंभीर है। क्या यह पहल काशी की सड़कों को नया जीवन देगी? शहरवासियों की निगाहें अब इस सवाल के जवाब पर टिकी हैं।
– सड़क से सिस्टम तक, बनारस बदलाव की राह पर!