✍️ विकास यादव
वाराणसी, 7 अप्रैल 2025, सोमवार। वाराणसी की सड़कों पर कानून का पहरा कमजोर पड़ता दिखा, तो पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया। हाल ही में हुई एक चौंकाने वाली जांच में कई पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से गायब पाए गए, जिसके बाद कमिश्नर ने तुरंत एक्शन लेते हुए 16 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई तब हुई, जब ये पुलिसकर्मी निर्धारित चौकी-चौराहों पर तैनात होने के बावजूद वहां मौजूद नहीं मिले। निलंबित होने वालों में 11 दरोगा, 3 दीवान और 2 सिपाही शामिल हैं, जिनकी लापरवाही ने पुलिस महकमे की साख पर सवाल खड़े कर दिए।
ड्यूटी से गायब, अब जिम्मेदारी से मुक्त
जांच के दौरान यह साफ हुआ कि ये पुलिसकर्मी न सिर्फ अपने ड्यूटी प्वाइंट पर मौजूद नहीं थे, बल्कि कुछ ने तो अपने ठिकाने की जानकारी तक छिपा रखी थी। निलंबित दरोगाओं में शिवपुर के प्रवीण सचान, कैंट थाने के आलोक कुमार, उप निरीक्षक अजय त्यागी, विश्वास चौहान, योगेंद्र नाथ मिश्रा, आकाश सिंह, चंद्रेश प्रसाद, अमृत राज, किशन सोनी, सैंकी प्रसाद और मनीष कुमार चौधरी शामिल हैं। इन सभी को तत्काल प्रभाव से अपनी जिम्मेदारियों से हटाने का फरमान जारी किया गया।
सिपाहियों की बात करें, तो कैंट थाने पर तैनात अखिलेश यादव, राम कुमार सिंह, मनीष श्रीवास्तव, रामचंद्र और मनीष कुमार तिवारी भी ड्यूटी से नदारद रहे। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कुछ ने अपने घरवालों को भी अपनी गैरमौजूदगी की सूचना नहीं दी थी।
जांच शुरू, सख्ती का संदेश
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इस घटना को गंभीरता से लिया और निलंबन के साथ-साथ इन सभी 16 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश भी दे दिए। यह कदम न सिर्फ लापरवाह पुलिसकर्मियों के लिए सबक है, बल्कि पूरे पुलिस बल को यह संदेश देता है कि ड्यूटी में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वाराणसी जैसे संवेदनशील शहर में, जहां हर चौकी और चौराहा अहम है, कमिश्नर की यह सख्ती कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अब सबकी निगाहें इस जांच के नतीजों पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि इन पुलिसकर्मियों का भविष्य क्या होगा। लेकिन एक बात साफ है—कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने अपनी इस कार्रवाई से साबित कर दिया कि अनुशासन उनके लिए सर्वोपरि है।