वाराणसी, 2 मार 2025, रविवार। काशी की गलियों में जल्द ही रंगों की बहार आएगी, जब नागा संन्यासी मां गौरा की डोली उठाएंगे और महादेव परिवार के साथ नगर भ्रमण करेंगे। इस दौरान काशीवासी गुलाल की होली खेलेंगे। महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती के विवाह के बाद पूर्व महंत के टेढ़ीनीम स्थानित आवास पर मां गौरा के गौने की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्व महंत आवास पर रंगभरी एकादशी और मां गौरा की विदाई की तैयारी चल रही है।
नागा संन्यासियों ने बाबा को हल्दी लगाई थी, जो कि एक पारंपरिक रस्म है। नागा साधु बाबा के लिए मेवाड़ से हल्दी मंगाकर काशी लाए थे। इसके साथ ही संपूर्ण विवाह और गौने की रस्म को पूरा करने की बात कही थी। पूर्व महंत आवास पर बाबा की रजत प्रतिमा के नगर भ्रमण की तैयारी चल रही है। पूर्व महंत कुलपति तिवारी के निधन के बाद बाबा के विवाह और गौने की रस्में पं. वाचस्पति तिवारी के संयोजन में निभाई जा रही हैं।
यह पहला मौका था जब नागा संन्यासियों ने बाबा को हल्दी लगाई थी। महाशिवरात्रि पर बाबा के विवाह के बाद पूर्व महंत आवास रोजाना शाम को विवाह गीतों से गुंजायमान हो रहा है।