रामनगर, 15 जुलाई 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी के दौरान अनफिट जिप्सी इस्तेमाल करने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले में कार्यवाहक पीसीसीएफ समीर सिन्हा के आदेश पर तीन और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि जाँच में निचले स्तर के कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, जबकि बड़े अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, 6 जुलाई 2025 को सीएम धामी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की सैर पर थे। इस दौरान पार्क निदेशक साकेत बडोला ने उनकी जंगल सफारी के लिए ऐसी जिप्सी का इंतजाम किया, जिसकी फिटनेस को खत्म हुए पांच साल बीत चुके थे। इस लापरवाही ने न केवल सीएम की सुरक्षा को खतरे में डाला, बल्कि पार्क प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए।
सूत्रों के मुताबिक, कार्यवाहक पीसीसीएफ समीर सिन्हा, जो पहले टाइगर शिकार के एक मामले में खुद के खिलाफ सीबीआई जाँच रुकवाने के लिए चर्चा में रहे थे, ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का दिखावा किया। लेकिन जाँच में केवल जूनियर कर्मचारियों को निशाना बनाया गया, जबकि वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर पर्दा डालने के आरोप लग रहे हैं।
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह घटना पार्क प्रशासन की लचर व्यवस्था को दर्शाती है। अनफिट वाहन का इस्तेमाल न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह सीएम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है।”
निलंबित कर्मचारियों में दो ड्राइवर और एक फॉरेस्ट गार्ड शामिल हैं। स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई को महज खानापूर्ति करार देते हुए स्वतंत्र जाँच की मांग की है। इस बीच, जिम कॉर्बेट प्रशासन ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।