वाराणसी, 12 मई 2025, सोमवार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान विकास, कानून-व्यवस्था और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत किया। वाराणसी पहुंचते ही उन्होंने सर्किट हाउस में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विकास परियोजनाओं की प्रगति और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने न केवल अधिकारियों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए प्रेरित किया, बल्कि लापरवाही बरतने वालों को कड़ी फटकार भी लगाई।

विकास कार्यों पर सख्ती, समय पर पूरा करने का मंत्र
सीएम योगी ने साफ शब्दों में कहा कि विकास परियोजनाओं को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर तय समय में पूरा करना होगा। गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने यूपी राजकीय निर्माण निगम, PWD, UPPCL, जल निगम और सेतु निगम के अधिकारियों को देरी के लिए फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “काम करने का तरीका ठीक करो, हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं होगी।” खासतौर पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की बाउंड्री 49 दिनों में हर हाल में पूरी करने का निर्देश दिया।

वरुणा नदी की सफाई, घाटों और कॉरिडोर के निर्माण में तेजी, बरसात से पहले नालों की सफाई और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त रखने जैसे निर्देशों ने उनके सूक्ष्म प्रबंधन की झलक दिखाई। कमिश्नर एस. राजलिंगम ने बताया कि जिले में 14 हजार करोड़ रुपये की 60 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें सड़कें, पुल और रिंग रोड फेज-2 जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल हैं।

कानून-व्यवस्था पर पैनी नजर
योगी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर बल दिया। लूट, चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं पर सख्ती, गौ तस्करी और अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई, तस्करों के वाहनों की नीलामी और अर्बन नक्सल पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को रोज जनसुनवाई करने और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा। सेफ सिटी के लिए पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश भी दिया।

आध्यात्मिकता और जनसंपर्क का रंग
विकास और प्रशासन के बीच योगी ने अपनी आध्यात्मिकता और जनसंपर्क की छवि को भी मजबूत किया। उन्होंने सारनाथ में बुद्ध पूर्णिमा के धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया, बाबा काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया और बाबा कालभैरव का आशीर्वाद लिया। काल भैरव मंदिर से लौटते वक्त एक बच्चे को लस्सी बनाते देख रुक गए। उसकी पढ़ाई और हालचाल पूछा, चॉकलेट दी और मन लगाकर पढ़ने की सलाह दी। रास्ते में बच्चों को चॉकलेट बांटते हुए उनकी पढ़ाई के बारे में बातचीत ने उनके सौम्य और जन-जुड़ाव वाले व्यक्तित्व को उजागर किया।

BHU में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा
देर रात योगी बीएचयू कैंपस पहुंचे, जहां उन्होंने 147.39 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे नेशनल सेंटर फॉर एजिंग और 119.47 करोड़ की लागत से ट्रॉमा सेंटर में बन रहे 150 बेड के क्रिटिकल केयर यूनिट का निरीक्षण किया। नेशनल सेंटर फॉर एजिंग बुजुर्गों के लिए एक छत के नीचे विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा प्रदान करेगा, जो देश का तीसरा ऐसा केंद्र होगा। डॉक्टरों ने बताया कि बीएचयू अस्पताल में रोजाना 8,000 से अधिक मरीज आते हैं, जिनमें 1,500 से ज्यादा बुजुर्ग होते हैं।

लोकल मुद्दों पर विशेष ध्यान
योगी ने एयरपोर्ट विस्तारीकरण के दौरान स्थानीय लोगों के आवागमन में बाधा न आने, रामनगर-सूजाबाद में सीवरेज नेटवर्क, गंजारी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की टाउनशिप और कनेक्टिविटी के कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों के किनारे नालियों को मुख्य नाले से जोड़ने और गर्मी में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

योगी का विजन
सीएम योगी का यह दौरा वाराणसी के लिए एक रोडमैप की तरह रहा। विकास परियोजनाओं को गति देने, कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और जनता के बीच अपनी सुलभ छवि बनाए रखने का उनका प्रयास स्पष्ट था। बच्चों के साथ उनकी आत्मीयता, मंदिरों में आध्यात्मिक जुड़ाव और प्रशासनिक सख्ती ने उनके नेतृत्व की बहुआयामी शैली को रेखांकित किया। वाराणसी अब न केवल आध्यात्मिक राजधानी के रूप में चमक रहा है, बल्कि योगी के विजन के तहत एक आधुनिक और सुरक्षित शहर के रूप में भी उभर रहा है।