वाराणसी, 25 नवंबर 2024, सोमवार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज से निकलने के बाद काल भैरव मंदिर में विशेष पूजा आरती की। इसके बाद उन्होंने बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन किया और षोडषोपचार विधि से रुद्राभिषेक किया। इसके बाद मुख्यमंत्री गंगा द्वार से क्रूज में सवार होकर डोमरी के लिए रवाना हुए। कथा स्थल पर पहुंचते ही मंच पर सतुआ बाबा ने सीएम योगी का स्वागत किया और पूरे पंडाल में जयघोष होने लगा।
सीएम योगी ने शिवमहापुराण कथा में शामिल होने को लेकर खुशी जाहिर की और कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के पावन तट पर शिवमहापुराण की कथा को सुनने का आनंद प्राप्त हो रहा है। उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा की प्रशंसा की और कहा कि उनकी कथा को सुनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
सीएम योगी ने आगे कहा कि यह दृश्य हमारे लिए सनातन धर्म का एक लघु भारत का रूप है और यह हमारी सामाजिक क्षमता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जातिवाद, संप्रदायवाद और उपासना विधि का वाद नहीं है, बल्कि हमारे देश में एकता और अखंडता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सब एक होकर इस पावन कथा के माध्यम से उदाहरण सबके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कथा के इस विहंगम दृश्य को देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। बाबा विश्वनाथ का धाम, मां गंगा का सानिध्य, सतुआ बाबा ने ऐसा स्थल चयन किया कि एक साथ बाबा के भी दर्शन हो और मां गंगा के भी।
सीएम योगी ने कहा कि यह उन सभी लोगों के मुंह पर जवाब है जो हमें जाति के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर, भाषा के नाम पर तमाम बातों के नाम पर बांटते हैं। उनकी आंखों को खोलने के लिए कथा का विहंगम दृश्य काफी है।
उन्होंने कहा कि भगवान वेद व्यास ने चारों वेदों का संग्रह करके आने वाली पीढ़ी को दिया। शिष्य की परंपरा वेदों के संरक्षण के लिए कैसे बनी है इसमें पूरा ज्ञान समाहित है। महाभारत जैसा 10001 श्लोक का महाकाव्य से पूरी टीम को नेतृत्व दिया।