लखनऊ, 26 दिसंबर 2024, गुरुवार। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीर बाल दिवस पर साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह की स्मृति में ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के आगमन और सहज पाठ से इस आयोजन ने धार्मिक समरसता और सिख गुरुओं के बलिदान को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने सिख परंपरा की समृद्धि और सिख गुरुओं के बलिदान की प्रशंसा की। सीएम योगी ने कहा कि सिख परंपरा काफी समृद्ध है। इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में लड़ते हुए न केवल अपनी परंपरा को सुरक्षित-संरक्षित रखा, बल्कि देश व धर्म के लिए भी बलिदान देकर नई प्रेरणा प्रदान की। एक तरफ इनका गौरवशाली इतिहास है तो दूसरी तरफ सुनते हैं कि काबुल में सिखों के दो, चार-दस परिवार ही बचे हैं।
सिख गुरुओं की विरासत: हमारे लिए एक प्रेरणा और मार्गदर्शक
सीएम ने कहा कि जब बांग्लादेश की घटना और पाकिस्तान में अत्याचार के बारे में सुनते हैं, तो सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान की याद आती है। सिख गुरुओं के आदर्श हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा देते हैं और उनका आशीर्वाद हमारी प्रेरणा है। इस प्रेरणा से आगे बढ़ने पर हम काबुल और बांग्लादेश जैसी घटनाओं से बच सकते हैं और ननकाना साहिब के लिए आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीएम ने आगे कहा कि देश की इस जुझारू और समृद्ध कौम ने सामर्थ्य, पुरुषार्थ, और परिश्रम से मिसाल प्रस्तुत की है। सिखों ने बड़ी संख्या में फौज में जाकर भारत की सुरक्षा के लिए खुद को समर्पित किया है। लेकिन अब वे दुश्मन हैं जो सिखों के परिश्रम और पुरुषार्थ को कुंद करने की साजिश रच रहे हैं। युवा पीढ़ी को ड्रग की चपेट में लाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। इन दुश्मनों को पहचानने और उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। सीएम ने यह भी कहा कि सिख और हिंदू एक दूसरे के पूरक हैं और जो इन्हें लड़ाते हैं उनसे बचना होगा। गुरु महाराज हमें मित्र-शत्रु पहचानने की ताकत दें।
सीएम योगी का वीर बाल दिवस पर संदेश: गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान से सीखें
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीर बाल दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि 2019 में गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर मुख्यमंत्री आवास पर शबद-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसके बाद 2020 से लगातार वीर बाल दिवस का आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर हो रहा है। अब यह आयोजन पूरे देश में मनाया जा रहा है। सीएम योगी ने आगे कहा कि आज की तिथि पर गुरु गोबिंद सिंह के दो साहिबजादे, बाबा जोरावर सिंह और फतेह सिंह, वजीर खां के हाथों दीवार में चुने गए थे। चमकौर के युद्ध में दो बड़े साहिबजादे, बाबा अजीत सिंह और जुझार सिंह, शहादत को प्राप्त हुए। मां गुजरी इस दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाईं। सीएम योगी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह के चारों साहिबजादों ने शहादत देकर देश व धर्म की रक्षा की पक्की नींव खड़ी की। यह बलिदान न केवल सिख पंथ के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की अनुभूति करता है।
सिख गुरुओं की शहादत: देश और धर्म के लिए बलिदान की कहानी
सिख पंथ की शुरुआत देश और धर्म के लिए हुई थी। गुरु नानक देव ने सबसे पहले बाबर के अत्याचार का विरोध किया था, जो एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके बाद, गुरु अर्जुन देव ने लाहौर में जहांगीर के अत्याचार के खिलाफ बलिदान दिया था। गुरु तेग बहादुर ने अपना शीश दे दिया, लेकिन भारत का शीश नहीं झुकने दिया। यह एक महत्वपूर्ण बलिदान था जिसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज, कश्मीर भारत का हिस्सा और शीश बना हुआ है, जो गुरु तेग बहादुर के बलिदान का परिणाम है। गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने अपनी आंखों के सामने अपने पुत्रों और पिता को बलिदान होते देखा। यह एक दुखद घटना थी, लेकिन इससे सिख पंथ की एकता और संकल्प को मजबूती मिली।
सिख गुरुओं का इतिहास देश और धर्म के लिए शहादत का इतिहास है। यह केवल कौम का नहीं, देश का इतिहास है। यह भारतवासियों के लिए प्रेरणा है कि हमें अपने देश और धर्म के लिए बलिदान देने से नहीं हिचकिचाना चाहिए।।गुरुनानक ने शबद-कीर्तन की प्रेरणा दी और लंगर की शुरुआत की, जो आज भी हर गुरुद्वारा में चलता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा दिया।
गुरु तेग बहादुर की शहादत का 350वां वर्ष: सीएम का संदेश और सिख धर्म के मूल्यों का सम्मान
गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी वर्ष एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें उनके बलिदान और सिख धर्म के मूल्यों को याद करने का मौका देता है। लखनऊ के लिए यह गर्व की बात है कि गुरु तेग बहादुर जी ने यहां आकर गुरु गोबिंद सिंह को लेकर आए थे। इस ऐतिहासिक परंपरा को मजबूती देने के लिए, सीएम ने नगर निगम के साथ मिलकर सुंदरीकरण की विस्तृत कार्ययोजना बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार पैसा उपलब्ध कराएगी, लेकिन जिम्मेदारी एक-दूसरे के ऊपर नहीं डाली जानी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार, नगर निगम, और विकास प्राधिकरण की जमीन में हाईरॉइज बिल्डिंग या मॉल बनाकर दुकानदारों का पुनर्वास किया जा सकता है।
सीएम ने यह भी कहा है कि ऐतिहासिक परंपरा से जुड़े गुरुद्वारे का सुंदरीकरण होना चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रधर्म हर भारतवासी का धर्म है। उन्होंने यह भी कहा है कि महाराजा रणजीत सिंह ने स्वर्ण मंदिर और बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर को सोना दिया था। सीएम ने अपील की है कि कोई भी ऐसा कार्य न होने दें जो गुरु परंपरा की भावनाओं के विपरीत हो। उन्होंने विश्वास दिलाया है कि गुरु परंपरा के गौरवशाली इतिहास के सम्मान की रक्षा के लिए डबल इंजन सरकार सदा खड़ी रहेगी।