मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में प्रचार समाप्त हाेने के एक दिन पहले रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा को संबोधित कर क्षेत्रीय मतदाताओं को भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के पक्ष में साधेंगे।
मिल्कीपुर का प्रतिष्ठापरक उपचुनाव अब सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। चुनाव प्रचार में आखिरी के दाे दिन बचे हैं। रविवार व सोमवार, इन दो दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर का किला भेदने का प्रयास करेंगे तो वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव कुंदरकी व कटेहरी हारने के बाद अपने गढ़ को बचाने की जुगत करेंगे।
सीएम योगी रविवार यानी आज करेंगे जनसभा
सीएम रविवार को न सिर्फ जनसभा को संबोधित कर हुंकार भरेंगे, बल्कि पिछली जनसभा में विधायक व मंत्रियों को दिए गए टास्क की समीक्षा भी कर सकते हैं। सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जनसभा कर भाजपाई रणनीति को विफल करने का प्रयास करेंगे।
कौन कितना सफल होता है, यह तो जनता तय करेगी, लेकिन चुनौतियां दोनों दलों के सामने कम नहीं है। उसके पीछे इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का अलग मिजाज बताया जा रहा है।
भाजपा यूं ही नहीं यहां पर जीत के लिए व्याकुल है। पिछले दो उपचुनावों के परिणाम सपा के हौंसले को बुलंद करने वाले हैं। वर्ष 1998 में सत्ता में रहते हुए भी बीजेपी यहां पर उपचुनाव हार गई थी। यहां पर पिछले तीन चुनाव लगातार समाजवादी पार्टी जीत रही है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां पर भाजपा के गोरखनाथ बाबा चुनाव जीते थे। उसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां पर बीजेपी पिछड़ गई थी।वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और सपा प्रत्याशी के तौर पर अवधेश प्रसाद यहां से विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भी मिल्कीपुर में बीजेपी पिछड़ गई। इन आंकड़ों के दृष्टिगत भाजपा अपनी रणनीति को साध रही है।वहीं सपा अपनी जीत को बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत सैफई कुनबे को उप चुनाव में उतार कर पार्टी ने मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश की है। सांसद डिंपल यादव का रोड शो व धर्मेंद्र यादव की जनसभा में सपा कार्यकर्ताओं का जोश दिखाई पड़ा।