मोहनसराय-कैंट मार्ग चौड़ीकरण और रेल उपरिगामी सेतु के कार्य अगस्त तक पूर्ण करने का निर्देश
वाराणसी, 17 जून 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार देर शाम वाराणसी की सड़कों पर उतरकर विकास कार्यों की हकीकत जानी। उन्होंने मोहनसराय-कैंट मार्ग के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य के साथ-साथ वाराणसी-प्रयागराज रेल खंड पर मोहनसराय-अदलपुरा मार्ग पर निर्माणाधीन रेल उपरिगामी सेतु का स्थलीय निरीक्षण किया। सीएम ने दोनों परियोजनाओं को युद्धस्तर पर अगस्त 2025 तक पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।
मोहनसराय-कैंट मार्ग का चौड़ीकरण: सुगम यातायात की राह
मोहनसराय-दीनदयाल उपाध्याय नगर चकिया मार्ग के मध्य सर्विस लेन के साथ 6 लेन और मोहनसराय से कैंट तक 4 लेन का निर्माण 41,253.32 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है। 11.80 किमी लंबे इस मार्ग का 89% कार्य पूरा हो चुका है। यह मार्ग वाराणसी के प्रमुख कॉरिडोर में से एक है, जहां भारी यातायात के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनती है। इससे बीएचयू अस्पताल, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानी होती है।
सीएम ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देश दिया कि मार्ग पर सर्विस लेन, यूटिलिटी डक्ट, चौराहों का विस्तारीकरण, जंक्शन सुधार, मीडियन पर स्ट्रीट लाइट, फुटपाथ और रोड सेफ्टी के कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। खासकर श्रावण मास में इस मार्ग के बंद होने से होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए सर्विस लेन का निर्माण यातायात को सुचारू रखने में मददगार साबित होगा। इसके अलावा, वर्षाकाल में जलजमाव और बार-बार रोड कटिंग की समस्या से निपटने के लिए यूटिलिटी डक्ट का निर्माण भी किया जा रहा है। यह मार्ग पर्यटकों और अति विशिष्ट व्यक्तियों के आवागमन के लिए भी महत्वपूर्ण है, विशेषकर सारनाथ के कारण।
रेल उपरिगामी सेतु: 1.50 लाख लोगों को मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री ने वाराणसी-प्रयागराज रेल खंड पर हरदत्तपुर-राजातालाब के बीच मोहनसराय-अदलपुरा मार्ग पर 4,222.20 लाख रुपये की लागत से बन रहे 649.44 मीटर लंबे और 7.50 मीटर चौड़े दो-लेन रेल उपरिगामी सेतु का भी निरीक्षण किया। इस सेतु का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है, जिसे अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह रेल सम्पार अक्सर बंद रहता है, जिससे मोहनसराय से अदलपुरा जाने वाले वाहनों और स्थानीय लोगों को भारी असुविधा होती है। सेतु के बनने से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि डाला, चोपन और सुक्रुत क्वैरी से गिट्टी और बालू ले जाने वाले ट्रकों को वाराणसी, भदोही और बाबतपुर जैसे क्षेत्रों तक कम दूरी में पहुंचने में सुविधा होगी। इस परियोजना से 26 गांवों की लगभग 1.50 लाख आबादी लाभान्वित होगी। साथ ही, वाराणसी शहर, राजातालाब उप निबंधक कार्यालय, और बाबतपुर हवाई अड्डे तक पहुंचने में समय और धन की बचत होगी। इस मार्ग से रोजाना 5-6 हजार वाहनों का आवागमन होने की उम्मीद है।
सीएम का संदेश: विकास में न हो देरी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि दोनों परियोजनाओं में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं वाराणसी के विकास और जनता की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनके पूर्ण होने से न केवल स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि वाराणसी की यातायात व्यवस्था में भी क्रांतिकारी बदलाव आएगा।