उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 दिवसीय दौरे पर गोरखपुर में है. इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित नाथपंथ का सामाजिक समरसता का विशेष योगदान पर आधारित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित भी किया.
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ ही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में नाथपंथ पर आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ किया. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि ज्ञानवापी साक्षात भगवान विश्वनाथ हैं. नाथ परंपरा ने हमेशा सबको जोड़ने की कोशिश की है. गुरु गोरखनाथ ने अपने समय में राष्ट्रीय एकता की ओर ध्यान आकर्षित किया था। रामचरित मानस समाज को जोड़ता है, वह हमारे जीवन का हिस्सा है.
सीएम योगी ने आदि शंकर की कहानी का जिक्र किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब ‘सामने चांडाल पूछता है कि आप तो अद्वैत ज्ञान से भरे हैं आप किसे हटाना चाहते हैं? आपका ज्ञान क्या इस भौतिक काया को देख रहा है क्या इस काया के अंदर बसे ज्ञान को देख रहा है. अगर ब्रह्म सत्य है तो जो ब्रह्म आपके अंदर है वो ब्रह्म मेरे अंदर भी है. इस ब्रह्म सत्य को जानकर अगर आप इस ब्रह्म को ठुकरा रहे हैं इसका मतलब आपका ये ज्ञान सत्य नहीं है.
एक चांडाल के मुंह से ये बातें सुनकर आदि शंकर भौचक्के रह गए. उन्होंने कहा जिस ज्ञानवापी की साधना.. दुर्भाग्य से उस ज्ञानवापी को लोग दूसरे शब्दों में ज्ञानवापी मस्जिद कहते हैं. वो ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ ही है. उन्होंने कहा जिस ज्ञानवापी की साधना के लिए आप यहां आएं हैं मैं उसका साक्षात स्वरूप विश्वनाथ हूं.
सीएम योगी ने हिंदी दिवस की बधाई दी. साथ ही कहा कि, देश को जोड़ने की एक व्यवहारिक भाषा जिसे देश की बड़ी आबादी जानती है. हिंदी का मूल देववाणी संस्कृत से है. हर भाषा का श्रोत संस्कृत से जुड़ता है. अगर हमारी भाषा और भाव स्वयं की नहीं है तो प्रगति प्रभावित होगी.