कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक और सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर लिखा कि “राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया के नियम 157 के तहत भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से पहले प्री-मेच्योर स्टेज पर हाइकोर्ट में जनहित याचिका पेश करने को लेकर विधानसभा सचिव के समक्ष विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
कोर्ट में विचाराधीन विषय पर सदन में विचार नहीं किया जा सकतालोढ़ा के ट्वीट पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तीखा कटाक्ष करते हुए पलटवार किया कि “मुख्यमंत्री जी के घोषित सलाहकार को बधाई। उन्हें 91 विधायक के त्यागपत्र के प्रकरण जो न्यायालय में डेढ़ माह से विचाराधीन हैं, पर अब तो ध्यान आया। विधानसभा के नियम और प्रक्रिया के नियम 53 में स्पष्ट प्रावधान है कि जो विषय न्यायालय में विचाराधीन हो, उस पर सदन में विचार नहीं किया जा सकता।’
काश यह ज्ञान आपको पहले हुआ होताजवाब में सीएम सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा ने लिखा कि “विद्वान उप नेता जी, काश यह ज्ञान आपको पहले हुआ होता कि अध्यक्ष के समक्ष जो प्रकरण विचाराधीन है, उसके निर्णय से पहले उसे हाईकोर्ट में ले जाना माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी की खुली अवमानना है।
विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का मुकाबला करेंगे संयम लोढ़ा की इस टिप्पणी पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ फिर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सलाहकार महोदय, अगर विधानसभा के नियम 157, जिसमें विशेषाधिकार का प्रस्ताव लेकर आए हैं, उसका अध्ययन कर लेते, तो शायद यह गलती नहीं करते। अब किस्सा कुर्सी में 91 विधायक के 110 दिन पुराने त्याग पत्र पर जनता में किरकिरी हुई, तो विधानसभा को कवच के रूप में इस्तेमाल करने का ताना-बाना बना रहे हैं, जिसमें कामयाब नहीं होंगे। विशेषाधिकार के हनन के प्रस्ताव का मुकाबला करेंगे।
ये है मामला निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान विधानसभा सचिव को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। उन्होंने 24 जनवरी को सदन में इस मुद्दे को उठाने की परमीशन मांगी है। लोढ़ा का आरोप है कि राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा अध्यक्ष के पास पेंडिंग मामले को निर्णय से पहले कोर्ट में ले जाकर विधानसभा अध्यक्ष की अवमानना की है।
25 सितंबर को दिए थे गहलोत खेमे के विधायकों ने सामूहिक इस्तीफेजयपुर में 25 सितंबर 2022 को गहलोत खेमे के समर्थक विधायकों ने सीएम हाउस पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर पैरेलल मीटिंग शांति धारीवाल के निवास पर बुलाई थी। जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को राजस्थान का सीएम बनाने की आशंका में कड़ा विरोध करते हुए रात को बसों में स्पीकर के बंगले पहुंचकर इस्तीफे सौंप दिए थे। लेकिन उन इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं हुआ, तो बीजेपी नेताओं ने पहले स्पीकर को ज्ञापन दिए। बाद में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगा दी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष और सचिव से जवाब मांगा था। लेकिन याचिका के दौरान ही पिछले महीने सभी विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष से वापस ले लिए। बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट ने नए सिरे से हलफनामा और इस्तीफों पर स्पीकर के फैसले का पूरा रिकॉर्ड मांगा है। अब मामले पर अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकालेश्वर के दरबार में भारतीय टीम के खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव, कुलदीप यादव एवं वाशिंगटन सुंदर के साथ भारतीय क्रिकेट टीम का स्टाफ भी बाबा महाकाल की दिव्य अलौकिक भस्म आरती में शामिल हुआ। जिन्होंने विधिविधान के साथ बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान सूर्यकुमार यादव, कुलदीप यादव और वाशिंगटन सुंदर बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए दिखाई दिए। सूर्यकुमार यादव ने सांसद अनिल फिरोजिया से अलौकिक शृंगार के बारे में जानकारी हासिल की।