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Monday, July 7, 2025

तबादलों से साफ संकेत- पुराने दिग्गजों की जाजम खिसकी, नए चेहरों पर भरोसा, काम करने वालों को ही मिलेगा मौका

विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश सरकार ने बुधवार देर रात बहुप्रतीक्षित प्रशासनिक फेरबदल कर दिया। सरकार ने पुराने दिग्गज मठाधीशों की जाजम खिसका दी है वहीं नए चेहरों को मौका देकर साफ संकेत दिया है कि सरकार में काम करने वालों को ही मौका मिलेगा। सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की विदाई के साथ ही शासन में हुए बदलाव ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दी है।

मंत्रियों और उप मुख्यमंत्री से अदावत रखने वाले अफसरों को साइड कर स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार की छवि और जनता से जुड़े मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम होगा। एमएसएमई, सूचना और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के एसीएस नवनीत सहगल को खेलकूद विभाग में भेजना और राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता को मुख्य धारा में वापस लाकर ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी देना शासन, सत्ता और राजनीति के गलियारे के लिए चौंकाने वाला रहा।

जानकारों का मानना है कि भले ही प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर के नौकशाहों की तबादला सूची रातोंरात जारी हुई हो लेकिन इसकी तैयारी करीब एक महीने पहले से की जा रही थी। अवस्थी को सेवा विस्तार नहीं मिलने की स्थिति में उनका गृह, गोपन विभाग किसी विश्वासपात्र और ऐसे अधिकारी को दिया जाना था जो पुलिस से समन्वय कर मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं को पूरा कर सके। करीब तीन वर्ष से मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के रूप में काम कर रहे संजय प्रसाद को इसके लिए सबसे योग्य अफसर माना गया।

कृषि उत्पादन आयुक्त की ओर से ग्राम्य विकास विभाग के कामकाज में दिलचस्पी नहीं लेने की जानकारी सत्तारुढ़ दल के विधायक, सांसद और सरकार के मंत्री भी दे रहे थे। सूत्रों के मुताबिक उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मनोज कुमार सिंह के कामकाज से खास संतुष्ट नहीं थे। लिहाजा सरकार ने एपीसी से ग्राम्य विकास विभाग लेकर कामकाज को लेकर सख्त छवि के अफसर डॉ. हिमांशु कुमार को ग्राम्य विकास विभाग में तैनात किया है।

सरकार ने हाथरस कांड के बाद अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में वापसी हुई थी। उनके कामकाज से भी सरकार संतुष्ट नहीं थी लिहाजा उन्हें हटाकर खेलकूद जैसे छोटे महकमे में भेजा गया है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से पहले सहगल को मुख्य धारा से हटाने के निर्णय के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे है।

मुख्य सचिव के प्रमुख दावेदार हैं महेश गुप्ता

राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता की लंबे समय बाद सचिवालय में वापसी हुई है। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा के सेवाविस्तार की अवधि 31 दिसंबर 2022 को समाप्त होने के बाद 1988 बैच के आईएएस कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह सीएस पद के प्रमुख दावेदार हैं। लेकिन 1987 बैच के आईएएस महेश गुप्ता की ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग के जरिये सचिवालय में वापसी से साफ संकेत है कि गुप्ता मुख्य सचिव पद के दावेदार हैं।

पार्थसारथी पर फिर जताया विश्वास

पार्थसारथी सेन शर्मा सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सचिव रहे हैं। 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें ग्राम्य विकास आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने एक वर्ष की अवधि में पीएम आवास योजना और मनरेगा में जो कार्य किया उसकी बदौलत प्रदेश को केंद्र सरकार ने पुरस्कृत किया था। केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति पर लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जैसा महकमा देकर एक बार फिर उन पर विश्वास जताया है।

…पाठक का दबाव काम आया

उप मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के बीच टकराव लखनऊ से दिल्ली तक चर्चा में रहा। तबादलों को लेकर पाठक की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद विभाग ने तबादलों में सुधार तो शुरू कर दिया। लेकिन पाठक ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक केंद्रीय नेतृत्व तक अमित मोहन प्रसाद को हटवाने के लिए दबाव बनाया।

वहीं जानकारों का कहना है कि सरकार उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका.एस.गर्ग और माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थी। दोनों विभागों के मंत्री भी समय-समय पर सरकार के समक्ष अपर मुख्य सचिव से नाराजगी जाहिर कर चुके थे।

आखिर डॉ. हरिओम मुख्य धारा में आए

सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. हरिओम की लंबे समय बाद मुख्य धारा में वापसी भी चौंकाने वाली रही है। योगी सरकार 1.0 में डॉ. हरिओम साइड लाइन रहे। बतौर जिलाधिकारी गोरखपुर उनके कामकाज से सरकार नाराज थी। लेकिन बीते दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री को अपनी एक किताब भेंट की थी। तब से ही उनके वापस मुख्य धारा में लौटने की संभावना जताई जा रही थी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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